जगदलपुर : प्रगतिशील लेखक संघ, जगदलपुर ने महान साहित्यकार प्रेमचंद की 144वीं जयंती के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम स्...
जगदलपुर : प्रगतिशील लेखक संघ, जगदलपुर ने महान साहित्यकार प्रेमचंद की 144वीं जयंती के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम स्थानीय लाला जगदलपुरी केंद्रीय पुस्तकालय परिसर के जिला ग्रंथालय में आयोजित किया गया।
गोष्ठी का आरंभ प्रेमचंद के चित्र पर पुष्पांजलि और माल्यार्पण के साथ हुआ, जिसके बाद अनिता राज ने प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी "नमक का दरोगा" का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन जगदीश चंद्र दास ने किया, जिन्होंने प्रेमचंद के साहित्य में भारतीय समाज के समग्र चित्रण की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद ने अपने साहित्य में तत्कालीन किसान, मजदूर, और पूंजीपति वर्ग के साथ-साथ ब्रिटिश साम्राज्यवाद के चरित्र को भी प्रभावी ढंग से चित्रित किया है।
खुदेजा ख़ान ने प्रेमचंद की रचनाओं की सरल भाषा और करुणा के तत्व की प्रशंसा की, जबकि रामेश्वर प्रसाद चंद्रा ने प्रेमचंद के साहित्य में निहित सामाजिक यथार्थबोध और उनकी सहज भाषा शैली की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। अनिता राज ने प्रेमचंद को चरित्रों के चित्रण और घटनाओं के सूक्ष्म विवरण में सिद्धहस्त कहा।
उर्मिला आचार्य ने प्रेमचंद के रचना संसार को मानवीय और नैतिक मूल्यों पर आधारित बताते हुए कहा कि उनका साहित्य विश्व साहित्य के उच्चतम स्तर का है। उन्होंने इस संदर्भ में तत्कालीन बांग्ला साहित्य का भी उल्लेख किया। ज्योति चौहान ने प्रेमचंद के साहित्य को जनप्रिय बताते हुए उनकी सहज भाषा और बोधगम्यता की प्रशंसा की।
सुनील श्रीवास्तव ने प्रेमचंद के साहित्य में भारतीय जनता के जीवन की सच्चाइयों के चित्रण को रेखांकित किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में मदन आचार्य ने प्रेमचंद की समृद्ध साहित्यिक विरासत का विस्तार से उल्लेख किया। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन जगदीश चंद्र दास ने किया, जबकि आयोजन में गोपाल पांडे और धन सिंह का सहयोग उल्लेखनीय रहा।
यह कार्यक्रम प्रेमचंद की रचनाओं और उनके साहित्यिक योगदान की याद दिलाने के साथ-साथ समाज में उनके विचारों के प्रचार-प्रसार का एक महत्वपूर्ण अवसर बना।
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