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'छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति' का दिख रहा असर, सुकमा में 5 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

सुकमा (सागर कश्यप) :  जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सरकारी अभियानों को एक और बड़ी सफलता मिली है। आज जिले में सक्रिय पांच नक्सलियों ने आत...

सुकमा (सागर कश्यप) : जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे सरकारी अभियानों को एक और बड़ी सफलता मिली है। आज जिले में सक्रिय पांच नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें एक महिला भी शामिल है। ये आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ शासन की "छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति" और "नियद नेल्ला नार" योजना से प्रभावित होकर हुआ है। 



नक्सलियों का यह आत्मसमर्पण सुकमा पुलिस द्वारा अति संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार नए सुरक्षा कैम्प स्थापित कर पुलिस के बढ़ते प्रभाव का परिणाम है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में महिला दुधी भीमे (21 वर्ष) और अन्य चार पुरुष वेट्टी राजा (30 वर्ष), वंजाम गंगा (27 वर्ष), दुधी पोज्जा (26 वर्ष) और कवासी भीमा (49 वर्ष) शामिल हैं। 


इन नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में डीआरजी अल्फा टीम, थाना पुलिस बल पोलमपल्ली, 208 कोबरा वाहिनी और जी/188 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा की विशेष भूमिका रही है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली पहले पुलिस गश्त पार्टी पर हमले, स्पाईक/बम लगाने और प्रशासन के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहे हैं।


इन सभी नक्सलियों को छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें। 


यह आत्मसमर्पण सुकमा जिले में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों की सफलता को दर्शाता है और इस क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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