जगदलपुर : हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर बस्तर की आराध्य देवी माँ दन्तेश्वरी के मंदिर प्रांगण में पाट जात्रा पूजा विधान के साथ ही विश्व प...
जगदलपुर : हरियाली अमावस्या के पावन अवसर पर बस्तर की आराध्य देवी माँ दन्तेश्वरी के मंदिर प्रांगण में पाट जात्रा पूजा विधान के साथ ही विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व का भव्य शुभारंभ हुआ। इस धार्मिक एवं सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन बस्तर दशहरा समिति द्वारा किया जाता है, जिसका नेतृत्व बस्तर सांसद एवं समिति के अध्यक्ष श्री महेश कश्यप ने आज किया।
इस शुभ अवसर पर महापौर श्रीमती सफीरा साहू, अन्य जनप्रतिनिधि, मांझी-चालकी, मेम्बर-मेम्बरीन, पुजारी-गायता तथा जिला कलेक्टर श्री विजय दयाराम के. सहित जिला पंचायत सीईओ श्री प्रकाश सर्वे एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
• पाट जात्रा: परंपराओं का निर्वहन :
बस्तर दशहरा पर्व के पहले दिन पाट जात्रा पूजा विधान के अंतर्गत रथ निर्माण के लिए आवश्यक औजार ठुरलू खोटला और अन्य औजारों की परंपरागत पूजा-अर्चना की गई। इस विधि से बस्तर दशहरा पर्व का औपचारिक आरंभ होता है। यह पर्व इस वर्ष 75 दिनों तक श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा, जिसमें विभिन्न तिथियों पर प्रमुख पूजा विधानों का आयोजन होगा।
• आगामी पूजा विधान एवं तिथियां :
- 16 सितंबर: डेरी गड़ाई रस्म
- 02 अक्टूबर: काछनगादी पूजा विधान
- 03 अक्टूबर: कलश स्थापना
- 04 अक्टूबर: जोगी बिठाई रस्म
- 10 अक्टूबर: बेल पूजा
- 11 अक्टूबर: निशा जात्रा एवं महालक्ष्मी पूजा विधान
- 12 अक्टूबर: कुंवारी पूजा विधान, जोगी उठाई और मावली परघाव पूजा विधान
- 13 अक्टूबर: भीतर रैनी पूजा एवं रथ परिक्रमा पूजा विधान
- 14 अक्टूबर: बाहर रैनी पूजा विधान
- 15 अक्टूबर: काछन जात्रा और मुरिया दरबार
- 16 अक्टूबर: कुटुम्ब जात्रा पूजा विधान
पर्व का समापन 19 अक्टूबर को माँ दन्तेश्वरी की विदाई के साथ होगा, जो पूरे बस्तर क्षेत्र के लिए एक विशेष महत्व रखता है। यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी संदेश देता है।
बस्तर दशहरा के इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होकर श्रद्धालु अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति आदर और गौरव का अनुभव करते हैं। यह पर्व बस्तर के जनजीवन में हर्षोल्लास और उल्लास की नई ऊर्जा का संचार करता है।
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