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जगदलपुर : मुख्यमंत्री ने महतारी वंदन की छठवीं किश्त और 'एक पेड़ मां के नाम' महावृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की

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जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कल बस्तर ज़िले के जगदलपुर में 'एक पेड़ मां के नाम' महावृक्षारोपण अभियान की शुरुआ...

जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कल बस्तर ज़िले के जगदलपुर में 'एक पेड़ मां के नाम' महावृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस पर शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य देशभर में व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण करना है।



इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने महतारी वंदन योजना के लाभार्थियों को आम के पौधे वितरित किए। इस अभियान के अंतर्गत देश में सितंबर 2024 तक 80 करोड़ और मार्च 2025 तक 140 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में इस अभियान के तहत 2 करोड़ 75 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। वन विभाग वन एवं वनेत्तर क्षेत्रों में 3 करोड़ 95 लाख 85 हजार पौधों का रोपण कर रहा है।


मुख्यमंत्री ने 70 लाख माताओं और बहनों को रक्षाबंधन का उपहार देते हुए महतारी वंदन योजना की छठवीं किश्त की राशि हितग्राहियों के खातों में स्थानांतरित की। इस मौके पर उन्होंने महतारी वंदन एप और 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान का भी शुभारंभ किया। 


इसके अलावा, 3061 महिला स्व-सहायता समूहों को स्वरोज़गार के लिए 100 करोड़ रूपए के ऋण का वितरण भी किया गया। मुख्यमंत्री साय ने इस पहल को पर्यावरण संरक्षण और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।


अभियान के लाभ

- पर्यावरण संरक्षण: अभियान के माध्यम से व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण होगा, जो पर्यावरण संरक्षण में मददगार होगा।

- महिला सशक्तिकरण: महतारी वंदन योजना और महिला स्व-सहायता समूहों के लिए ऋण वितरण से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में सहायता मिलेगी।

- समुदाय का विकास: वृक्षारोपण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।


मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को अधिक से अधिक पौधे लगाने और पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण का माध्यम है, बल्कि यह हमारी माताओं के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने का एक अवसर भी है।


इस पहल से उम्मीद की जाती है कि यह न केवल पर्यावरण की सुरक्षा में मदद करेगा बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित करेगा।

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