जगदलपुर : वन विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के तहत बास्ता के अवैध व्यापार पर बड़ी कार्यवाही की गई है। मिली जानक...
जगदलपुर: वन विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के तहत बास्ता के अवैध व्यापार पर बड़ी कार्यवाही की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, वन विभाग के उड़नदस्ता ने जगदलपुर क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर 130 किलोग्राम बास्ता जब्त किया, जिसे बाद में इंद्रावती नदी में फेंक कर नष्ट कर दिया गया।
वन विभाग के सी.सी.एफ. के निर्देश पर, वन मंडलाधिकारी उड़नदस्ता जगदलपुर ने सुबह 5:30 बजे परपा नाका, तोकापाल और संजय मार्केट जगदलपुर में सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य बास्ता के अवैध विक्रय को रोकना था, जो बस्तर में एक लोकप्रिय सब्जी है लेकिन पर्यावरणीय दृष्टि से हानिकारक है।
• बास्ता का पर्यावरणीय प्रभाव :
बास्ता, जिसे बांस के सबसे छोटे रूप में जाना जाता है, बस्तर अंचल में सब्जी के रूप में काफी लोकप्रिय है। हालांकि, बास्ता का अधिकाधिक कटाव भविष्य में बांस के पेड़ बनने की संभावनाओं को समाप्त कर देता है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन प्रभावित होता है। वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि "बास्ता का अंधाधुंध कटाव एक पूरे बांस के पेड़ को जन्म लेने से पहले ही समाप्त कर देता है, जो पर्यावरण के लिए घातक है।"
उड़नदस्ता अभियान के तहत वन विभाग शहर और ग्रामीण इलाकों में बास्ता के विक्रय पर कड़ी पाबंदी लगा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना और भविष्य में बांस के पेड़ों की संभावनाओं को संरक्षित करना है। वन विभाग के अधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें।
वन विभाग की यह कार्यवाही पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इससे बस्तर क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहायता मिलेगी। स्थानीय निवासियों से इस अभियान में समर्थन की अपील की गई है ताकि भविष्य में भी इस प्रकार की गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा सके।
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