जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के शिक्षक संगठनों ने छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम में ...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के शिक्षक संगठनों ने छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 2 अगस्त 2024 को जारी युक्तियुक्तकरण नियम में संशोधन की मांग की है। शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री, शिक्षा सचिव और अन्य उच्चाधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए इन नियमों को शिक्षा की गुणवत्ता, छात्रहित, शिक्षक हितों के प्रतिकूल बताते हुए इसे तत्काल संशोधित करने की मांग की है।
शिक्षक संघर्ष मोर्चा के अनुसार, वर्तमान युक्तियुक्तकरण नियम में कई खामियां हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं। मोर्चा का कहना है कि यह नियम राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लंघन करता है और इससे शिक्षकों की पदोन्नति के अवसर कम हो रहे हैं। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि यदि इस नियम को लागू किया गया, तो शिक्षकों के पदों में कटौती होगी, जिससे नए शिक्षकों की भर्ती और प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए अवसर सीमित हो जाएंगे।
इसके साथ ही, मोर्चा ने ऑनलाइन अवकाश नियम में सुधार की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को इंडिकल अवकाश, अर्जित अवकाश और संतान पालन अवकाश लेने के बाद एक सप्ताह के भीतर एजुपोर्टल पर ऑनलाइन एंट्री का विकल्प दिया जाना चाहिए, जबकि आकस्मिक अवकाश और ऐच्छिक अवकाश के लिए ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया को यथावत रखा जाना चाहिए।
शिक्षक एल बी संवर्ग के लिए भी एक सूत्रीय मांग उठाई गई है, जिसमें वेतन निर्धारण और पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू करने की मांग की गई है। मोर्चा का कहना है कि शिक्षकों की पूर्व सेवा की गणना कर, उनकी सही वेतन व्यवस्था की जानी चाहिए और पुरानी पेंशन योजना को पुनः लागू किया जाना चाहिए।
इस ज्ञापन में शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो वे आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं। उनका कहना है कि शिक्षा से जुड़े किसी भी मामले में सरकार को एकतरफा निर्णय लेने से पहले शिक्षक संगठनों से चर्चा करनी चाहिए।
सरकार से अपेक्षा है कि वह इन मुद्दों पर विचार करेगी और जल्द से जल्द सकारात्मक कदम उठाएगी ताकि शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षक हितों की रक्षा हो सके।
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