जगदलपुर : विकास खण्ड बस्तर के अंतर्गत ग्राम पंचायत खोरखोसा के 6 वार्ड पंचों को अंततः न्याय मिला जब पांच वर्षों से लंबित मानदेय की राशि उन्ह...
जगदलपुर : विकास खण्ड बस्तर के अंतर्गत ग्राम पंचायत खोरखोसा के 6 वार्ड पंचों को अंततः न्याय मिला जब पांच वर्षों से लंबित मानदेय की राशि उन्हें प्राप्त हुई। यह मामला तब प्रकाश में आया जब पंचों ने छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज, जगदलपुर जिला बस्तर (पंजीयन क्रमांक 4230) को अपनी समस्या के संबंध में आवेदन प्रस्तुत किया।
इस आवेदन के माध्यम से पंचों ने बताया कि सरपंच और सचिव द्वारा पिछले पांच वर्षों से उन्हें उनके पद का मानदेय नहीं दिया जा रहा था, जिससे वे आर्थिक रूप से संघर्ष कर रहे थे। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और समाज द्वारा सरपंच एवं सचिव से पूरी राशि पंचों को दिलाने में सफलता मिली।
इस सफलता के बाद, पंचों ने छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारियों, जिनमें राजाराम तोड़ेम, दशरथ कश्यप, कौशल नागवंशी, नील कुमार बघेल, रमेश कुमार कश्यप, प्रेम नाथ नाग, और शिवराम बघेल शामिल हैं, का आभार व्यक्त किया।
पंचों का कहना है कि अगर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने इस मुद्दे को नहीं उठाया होता, तो उन्हें अपने हक का मानदेय प्राप्त करने में और भी अधिक समय लग सकता था। समाज की इस पहल की बस्तर के जनसमुदाय ने भी सराहना की है, और इसे क्षेत्र में आदिवासी अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
समाज की पहल पर पंचों को न्याय मिलने से, क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश गया है और भविष्य में इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए समाज की सक्रियता की उम्मीद जताई जा रही है।
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