नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को एक बार फिर से राहत नहीं मिल पाई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत य...
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को एक बार फिर से राहत नहीं मिल पाई है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में उनकी जमानत याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी, लेकिन यह एक सप्ताह के लिए टाल दी गई। अदालत ने यह निर्णय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील की एक दलील पर किया।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के सामने सुनवाई हुई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अदालत को सूचित किया कि सीबीआई ने सिसोदिया की याचिका पर जवाब दाखिल कर दिया है, लेकिन यह रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।
सिसोदिया, जो कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं, पर दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। वह पिछले 16 महीने से जेल में बंद हैं। सिसोदिया की ओर से दायर याचिका में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
सुनवाई के दौरान एसवी राजू ने सिसोदिया की दलीलों पर आपत्ति जताई और कहा कि यह दिल्ली हाई कोर्ट के एक ही आदेश को चुनौती देने वाली दूसरी विशेष अनुमति याचिका है। कोर्ट ने इन आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए सुनवाई को स्थगित कर दिया।
सिसोदिया की ओर से दायर याचिका में उन्होंने कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने अदालत से जल्द सुनवाई की अपील की थी ताकि उन्हें न्याय मिल सके।
अगली सुनवाई की तिथि अगले सप्ताह निर्धारित की गई है, जब अदालत सीबीआई और ईडी के जवाबों पर विचार करेगी। सिसोदिया के समर्थक और आप पार्टी के कार्यकर्ता इस मामले में न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
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