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ग्रामीणों ने सुकमा जिला कार्यालय पहुंच कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, ग्राम एलेंगनार और झीरम को अलग पंचायत बनाने की मांग

सुकमा (सागर कश्यप) : ग्राम पंचायत कनकापाल से ग्राम एलेंगनार और झीरम को अलग कराने की मांग को लेकर ग्रामवासियों ने जिला कार्यालय पहुंचकर कलेक...

सुकमा (सागर कश्यप) : ग्राम पंचायत कनकापाल से ग्राम एलेंगनार और झीरम को अलग कराने की मांग को लेकर ग्रामवासियों ने जिला कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि दोनों गाँव नक्सल प्रभावित क्षेत्र में स्थित हैं और इन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए अलग पंचायत बनाना आवश्यक है।



ग्राम एलेंगनार और झीरम के निवासी हर रोज़ राशन जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए लगभग 15-20 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। इस दूरी को पार करने के लिए उन्हें पहाड़ी और कठिन रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है, जो न केवल समय-साध्य है बल्कि कई बार जोखिम भरा भी हो जाता है। 


ग्रामीणों ने बताया कि इस कठिनाई के चलते वे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों, जैसे स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में भी पिछड़ जाते हैं। इन क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है, जिससे ग्रामीणों का जीवन और भी कठिन हो जाता है।

कोंटा के कोर्रा पंचायत के ग्रामीणों ने सड़क की मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन 


ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को विस्तार से बताते हुए प्रशासन से आग्रह किया है कि इन गाँवों को अलग ग्राम पंचायत के रूप में मान्यता दी जाए। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में सुगमता होगी, बल्कि विकास योजनाओं का क्रियान्वयन भी तेजी से हो सकेगा। 


कलेक्टर ने ग्रामीणों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि इस मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और जल्द ही इस पर उचित निर्णय लिया जाएगा।


ग्रामीणों की इस मांग ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति को और तेज करने के लिए प्रशासन को नई योजनाओं और रणनीतियों की आवश्यकता है? यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या कदम उठाता है।

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