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एक दिन में कैसे 2.8 किलोग्राम वजन बढ़ाना और विनेश फोगाट का ओलंपिक से बाहर होना: कारण, विवाद, और प्रतिक्रिया

पेरिस ओलंपिक 2024 :  भारत की कुश्ती स्टार विनेश फोगाट का डिसक्वालिफिकेशन एक बड़ा विवाद बन गया है। फाइनल मुकाबले से पहले विनेश का वजन अधिक हो...

पेरिस ओलंपिक 2024 : भारत की कुश्ती स्टार विनेश फोगाट का डिसक्वालिफिकेशन एक बड़ा विवाद बन गया है। फाइनल मुकाबले से पहले विनेश का वजन अधिक होने के कारण उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने इस बारे में स्पष्ट किया कि विनेश का वजन 50 किलोग्राम वर्ग के लिए तय मानकों से ज्यादा था।  



मंगलवार को हुए प्री क्वार्टर फाइनल मुकाबले में विनेश का वजन 49.9 किलो था, जो कि प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार सही था। हालांकि, उसी दिन तीन कड़े मुकाबलों के बाद सेमीफाइनल के बाद उनका वजन 52.7 किलो हो गया। इस तरह से उनका वजन 2.8 किलो बढ़ गया था। यह स्थिति नियमों के अनुसार स्वीकार्य नहीं थी और इसी वजह से विनेश को प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा।


डॉक्टरों और विशेषज्ञों की राय :

विनेश के डॉक्टर ने बताया कि पूरे दिन में तीन कड़े मुकाबलों के दौरान विनेश को काफी मेहनत करनी पड़ी, जिससे डिहाईड्रेशन से बचने के लिए उन्हें पानी की आवश्यकता थी। लगातार मुकाबले लड़ने के दौरान शरीर में पानी और न्यूट्रीशन की कमी हो जाती है, जिसे पूरा करने के लिए उन्हें पानी पीना पड़ा। 


डॉक्टर के अनुसार, "मुकाबलों के दौरान शरीर को उर्जा बनाए रखने के लिए हाइड्रेट रहना जरूरी था। पानी की कमी से स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और खिलाड़ी की प्रतिस्पर्धा की क्षमता घट सकती है। इस कारण सेमीफाइनल के बाद उनका वजन बढ़ गया।"


विनेश की टीम और कोच ने वजन घटाने के लिए हर संभव प्रयास किया। उन्होंने बताया कि समय की कमी के बावजूद उन्होंने पूरी रात मेहनत की, जिसमें सीमित पानी का सेवन, बिना खाना खाना, और पसीना बहाने के उपाय शामिल थे। उन्होंने यहां तक कि बाल काटने और कपड़ों के वजन को कम करने जैसे तरीकों का भी सहारा लिया।


विवाद और सवाल :

इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार 12 घंटे के अंदर ही वजन में इतनी वृद्धि कैसे हो गई? विशेषज्ञ इस पर विचार कर रहे हैं कि क्या यह पूरी तरह से हाइड्रेशन का परिणाम था या इसमें कोई अन्य कारण भी शामिल था।


विनेश के इस अनपेक्षित डिसक्वालिफिकेशन के बाद देश में मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इस निर्णय को कठोर मान रहे हैं और भारतीय कुश्ती महासंघ पर प्रश्न उठा रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि खेल के नियमों का पालन करना आवश्यक है और विनेश के साथ समान व्यवहार हुआ है।


विनेश फोगाट का डिसक्वालिफिकेशन न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका है। यह घटना खेलों में अनुशासन और नियमों की अनिवार्यता पर प्रकाश डालती है। हालांकि, यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या इस स्थिति से बचने के लिए कुछ और किया जा सकता था। अब यह देखना होगा कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

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