जगदलपुर: बस्तर दशहरा की तैयारियों के बीच इस वर्ष एक अप्रत्याशित रुकावट आ गई है। रथ निर्माण करने वाले पारंपरिक कारीगरों ने सफाई व्यवस्था की ...
जगदलपुर: बस्तर दशहरा की तैयारियों के बीच इस वर्ष एक अप्रत्याशित रुकावट आ गई है। रथ निर्माण करने वाले पारंपरिक कारीगरों ने सफाई व्यवस्था की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण काम को अस्थायी रूप से रोक दिया। यह मामला तब सामने आया जब बेड़ाउमरगांव और झारउमरगांव के कारीगर, जो हर साल बस्तर दशहरा के लिए रथ निर्माण करते हैं, गंदगी से घिरे रहने के कारण काम छोड़ने को मजबूर हुए।
कारीगरों ने बताया कि जब वे रथ निर्माण के लिए पहुंचे, तो उन्हें जिस भोजशाला में ठहरने की व्यवस्था की गई थी, उसके आसपास गंदगी का अंबार लगा हुआ था। कई बार शिकायत करने के बाद भी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं की गई। मजबूरी में कारीगरों को गंदगी के बीच बैठकर खाना बनाना पड़ा। लगातार शिकायतों के बावजूद जब प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया, तो नाराज कारीगर अपने उपकरण और सामान लेकर वापस गाँव लौट गए।
इस स्थिति के चलते रथ निर्माण का कार्य सुबह 3 बजे तक ठप रहा। यह रथ निर्माण दशहरे के महत्वपूर्ण आयोजनों में से एक है, जिसे बिना किसी औजार के पारंपरिक कारीगरों द्वारा किया जाता है।
इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। दशहरा उत्सव की तैयारियों के बीच इस तरह की घटनाओं से न केवल कार्यक्रम की गरिमा प्रभावित हो रही है, बल्कि यह कारीगरों की सुरक्षा और सुविधा पर भी सवाल उठाती है।
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