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शराबी शिक्षक की हरकतों से बच्चों का भविष्य खतरे में, ग्रामीणों की शिकायत पर भी कार्रवाई नहीं

जगदलपुर : बस्तर ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोरखोसा के सुकुलगुड़ा स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों का भविष्य गंभीर संकट में है। स्कूल में कार्यरत...

जगदलपुर : बस्तर ब्लॉक के ग्राम पंचायत खोरखोसा के सुकुलगुड़ा स्कूल में पढ़ने वाले मासूम बच्चों का भविष्य गंभीर संकट में है। स्कूल में कार्यरत शिक्षक शंभू राम कश्यप की लापरवाही और अनुशासनहीनता के चलते अभिभावक और ग्रामीण चिंतित हैं। आज जब हमारी टीम स्कूल पहुंची, तो वहां बड़ी संख्या में ग्रामीण और अभिभावक अपनी शिकायतें लेकर मौजूद थे।





स्कूल में शिक्षक नदारद, छात्र बेसहारा :

हमारे संवाददाता ने जब सुकुलगुड़ा स्कूल का दौरा किया, तो पाया कि सभी बच्चे स्कूल के दो कमरों में मौजूद थे, लेकिन शिक्षक शंभू राम कश्यप कहीं दिखाई नहीं दिए। वहां मौजूद महिला भृत्य, जो मध्यान्ह भोजन बना रही थीं, से पूछने पर उन्होंने बताया कि "सर कुछ सामान खरीदने गए हैं।" इस पर मौके पर पहुंचे ग्राम सरपंच नवल मौर्य ने भृत्या से पूछा कि क्या शिक्षक शराब खरीदने गए हैं, तो उसने स्वीकृति दी।


शराबी शिक्षक का अपमानजनक व्यवहार :

थोड़ी देर बाद शिक्षक शंभू राम कश्यप लड़खड़ाते हुए स्कूल लौटे। उनके लौटते ही अन्य ग्रामीण और पालक महिलाएं भी स्कूल परिसर में आ गईं और उन्होंने हमारे संवाददाता को शिक्षक के व्यवहार और बच्चों की पढ़ाई में हो रही उपेक्षा की पूरी कहानी सुनाई। इस बीच, शराब के नशे में धुत्त शिक्षक शंभू राम कश्यप उग्र हो गए और शाला परिसर के बाहर खड़े स्थानीय ग्रामीणों से गाली-गलौच करने लगे। जब हमारे संवाददाता ने उनसे सवाल किया कि वे शराब क्यों पीते हैं, तो उन्होंने स्वीकार किया कि वे शराबी हैं।


ग्रामीणों और सरपंच की चिंता :

ग्राम सरपंच नवल मौर्य ने भी इस स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि वे कई बार शिक्षक को समझा चुके हैं, लेकिन उनकी आदतों में कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक की मौखिक शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई है, लेकिन जब कभी कोई उच्च अधिकारी स्कूल का दौरा करने आता है, तो शिक्षक अपना व्यवहार छिपा लेते हैं।


बच्चों की शिक्षा हो रही प्रभावित :

इस पूरे प्रकरण का सबसे बुरा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। जिन बच्चों के माता-पिता शिक्षित हैं, वे कुछ हद तक अपनी पढ़ाई में प्रगति कर रहे हैं, लेकिन जिनके घरों में शिक्षा का वातावरण नहीं है, वे बुनियादी बातें भी नहीं सीख पा रहे हैं। कई छात्र तो दो का पहाड़ा भी नहीं जानते, जबकि कुछ बच्चे जिनके माता-पिता पढ़े-लिखे हैं, वे पांच का पहाड़ा बता पा रहे थे।


ग्रामीणों की मांग: सख्त कार्रवाई हो :

ग्रामीणों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से शिक्षक शंभू राम कश्यप के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर इस शिक्षक के खिलाफ जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब सकता है। इस मामले में शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द हस्तक्षेप करना चाहिए, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो और स्कूल का माहौल सुधारा जा सके।


सुकुलगुड़ा स्कूल का यह प्रकरण शिक्षा विभाग की लापरवाही और अनुशासनहीन शिक्षकों पर उचित निगरानी की कमी को उजागर करता है। ग्रामीणों और अभिभावकों की बढ़ती चिंताओं के बावजूद, शिक्षक पर अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में शिक्षा अधिकारियों को तुरंत हस्तक्षेप कर स्थिति को नियंत्रित करने और बच्चों की पढ़ाई को सही दिशा देने की आवश्यकता है।


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