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जगदलपुर में प्रशासन की ओर से मीना बाजार की अनुमति पर उठे सवाल, सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी

• बस्तर दशहरा और नवरात्रि जैसे धार्मिक आयोजनों के समीप सुरक्षा के सवालों पर गंभीर चिंताएं जगदलपुर :  बस्तर जिले में प्रशासन ने मीना बाजार के...

बस्तर दशहरा और नवरात्रि जैसे धार्मिक आयोजनों के समीप सुरक्षा के सवालों पर गंभीर चिंताएं



जगदलपुर : बस्तर जिले में प्रशासन ने मीना बाजार के संचालन की अनुमति दे दी है, लेकिन इस निर्णय के साथ सुरक्षा के गंभीर सवाल भी खड़े हो गए हैं। बस्तर दशहरा और नवरात्रि जैसे धार्मिक आयोजनों के स्थल के समीप जहां लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ सकती है, वहां सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी क्यों की गई है? जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने कलेक्टर और कमिश्नर से चर्चा कर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है। पार्टी का कहना है कि वर्तमान स्थल पर मीना बाजार की अनुमति को निरस्त कर उसे किसी सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट किया जाना चाहिए।

प्रशासन से पूछे जाने वाले जरूरी सवाल :

1. सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी क्यों?

देश के उत्तर प्रदेश में हाथरस में सतसंघ के कार्यक्रम के दौरान 121 लोगों की मौत के बाद हर राज्य सरकार ने सुरक्षा मापदंडों को लेकर एसओपी जारी की थी। इसमें किसी भी बंद स्थल पर सभा या बाजार संचालन से पहले कई सुरक्षा दस्तावेजों की जांच और अनुमोदन की आवश्यकता होती है। फिर ऐसा क्या कारण है कि मीना बाजार संचालक द्वारा जरूरी दस्तावेज न जमा करने पर भी प्रशासन ने अनुमति दे दी?


2. राज्य के अन्य जिलों की तुलना में बस्तर में सुरक्षा की अनदेखी क्यों?

रायगढ़ और कुनकुरी जैसे जिलों में प्रशासन द्वारा सरकारी मैदानों में मीना बाजार की अनुमति दी जाती है, जिससे लाखों रुपए का राजस्व भी सरकार को प्राप्त होता है। लेकिन बस्तर में दशहरा स्थल के पास एक सिंगल सड़कों पर भारी यातायात दबाव और भीड़ के बावजूद प्रशासन ने एक निजी स्थल पर अनुमति क्यों दी, जबकि वहाँ सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी की गई है?


3. धार्मिक आयोजनों और मीना बाजार के बीच अंतर?

मीना बाजार पूरी तरह से व्यवसायिक प्रयोजन के लिए आयोजित किया जाता है। यह बस्तर दशहरा की प्रथा या धार्मिक आयोजन का हिस्सा नहीं है, और न ही दशहरा समिति को इसके आयोजन से कोई आर्थिक लाभ है। ऐसे में लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है?


4. प्रवेश शुल्क पर सवाल

राज्य के अन्य जिलों में मीना बाजार में प्रवेश निशुल्क होता है, लेकिन बस्तर जिले में विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति क्षेत्र और बस्तर दशहरा के मद्देनज़र मीना बाजार संचालक द्वारा प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है, जो गैर वाजिब लगता है।



5. कांकेर जिले में 'मौत का कुंआ' के प्रतिबंध की मिसाल

कांकेर जिले में 'मौत का कुंआ' नामक स्थान पर मीना बाजार की अनुमति नहीं दी गई है। तो फिर बस्तर जिले में इसे अनुमति क्यों दी जा रही है?




जनता कांग्रेस की मांग : मीना बाजार को सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट किया जाए

इन सभी सवालों के साथ, जनता कांग्रेस के संभागीय अध्यक्ष नवनीत चाँद ने प्रशासन से मीना बाजार के लिए सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट करने की मांग की है। इस मांग को लेकर वे कमिश्नर को ज्ञापन सौंपेंगे और इस मुद्दे पर प्रशासन से जवाब तलब करेंगे।


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