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राशन संचालन में 25 लाख से ज्यादा की हेरा-फेरी और कालाबाजारी दो सेल्समेन गिरफ्तार

सुकमा :  जिले के थाना चिंतलनार क्षेत्र में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) दुकानों से खाद्यान्न की हेरा-फेरी और कालाबाजारी के मामले में चिं...

सुकमा : जिले के थाना चिंतलनार क्षेत्र में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) दुकानों से खाद्यान्न की हेरा-फेरी और कालाबाजारी के मामले में चिंतलनार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने अनुमानित बाजार मूल्य 25,44,195/- (पच्चीस लाख चौवालीस हजार एक सौ पंचानबे रुपये) की हेरा-फेरी करने वाले दो सेल्समेन को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने दूर-दराज के गांवों के हितग्राहियों तक राशन नहीं पहुंचने दिया और उसे दूसरी जगह छिपाकर रखा।



फरारी के बाद गिरफ्तारी :

थाना चिंतलनार में दर्ज अपराध क्रमांक 13/24 और 14/24 के तहत आरोपी सेल्समेन विजय कुमार हेमला (24 वर्ष) और भीमसेन वेट्टी (19 वर्ष) के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 316 के तहत मामले दर्ज किए गए थे। आरोपी 23 अगस्त 2024 से फरार थे, लेकिन पुलिस ने 3 सितंबर 2024 को सुकमा थाना क्षेत्र के ग्राम झापरा से दोनों को गिरफ्तार कर लिया।


राशन की हेरा-फेरी और कालाबाजारी का ऐसे हुआ खुलासा :

जांच में सामने आया कि आरोपियों ने जून 2024 में सरकार द्वारा भंडारित राशन सामग्री को हितग्राहियों तक नहीं पहुंचाया। जिसके बाद लगातार शिकायत मिलने पर प्रभारी मंत्री केदार कश्यप के निर्देश पर जांच की गई, जिसके बाद पता चला कि जून और जुलाई महीने का राशन पीडीएस दुकानों में सुरक्षित भंडारित होने के बजाय दूसरी जगह छिपाकर रखा गया। इस प्रकार, शासन द्वारा प्रदत्त राशन सामग्री का वितरण न करके उसकी कालाबाजारी करने की साजिश की गई थी। जिसका खुलासा जांच और स्थानियों की शिकायत के बाद हुआ।


अधिकारी और कर्मचारियों पर भी लगे आरोप :

इस प्रकरण में केवल दो सेल्समेन ही नहीं, बल्कि ग्राम पंचायत एलमपल्ली के सरपंच हिमानी मड़कम, सचिव गोपी कृष्ण सिंह राजपूत और ग्राम पंचायत केरलापेंदा के सरपंच तेलाम पायके, सचिव हिमाचल पुरी भी शामिल हैं, जो फिलहाल फरार हैं। पुलिस इनके खिलाफ भी कार्रवाई की तलाश में जुटी हुई है।


पुलिस की कार्रवाई में विशेष भूमिका :

इस मामले में जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के दिशा-निर्देशन में चिंतलनार थाना प्रभारी उप निरीक्षक विमल वट्टी, सहायक उप निरीक्षक मतबल साय पैकरा, प्रधान आरक्षक सोड़ी हिड़मा, आरक्षक नीरज पांडेय और मोहन मंडावी ने प्रमुख भूमिका निभाई। आरोपियों को 4 सितंबर 2024 को न्यायालय सुकमा में पेश कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।


फरार आरोपी की तलाश जारी

पुलिस अब भी फरार सरपंचों और सचिवों की तलाश कर रही है और जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई होने की उम्मीद है। यह घटना सुकमा जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है और भविष्य में ऐसी हेरा-फेरी पर लगाम लगाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है। 

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