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अग्नि दुर्घटना से सुरक्षा के लिए प्रारंभिक स्तर पर ही नियंत्रित करने की जरूरत : कलेक्टर

राजनांदगांव। आग से सुरक्षा एवं बचाव के लिए जिला पंचायत सभाकक्ष में फायर एण्ड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया रायपुर तथा द इंस्टीट्यूशन ऑफ इं...


राजनांदगांव। आग से सुरक्षा एवं बचाव के लिए जिला पंचायत सभाकक्ष में फायर एण्ड सिक्योरिटी एसोसिएशन ऑफ इंडिया रायपुर तथा द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई लोकल सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में फायर सेफ्टी इन इंस्टीट्यूशनल कमर्शियल बिल्डिंग एंड इंडस्ट्रीज विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि अग्नि सुरक्षा के संबंध में जानकारी एवं सावधानी रखने के लिए आयोजित यह कार्यशाला समसामयिक है। आग कैसे लगती है और इससे सुरक्षित रहने के उपाय के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी साझा की गई है। उन्होंने कहा कि घर बनाते समय अग्नि से सुरक्षा रखने की आवश्यकता है। आग लगने पर तत्काल इसका समाधान करने पर आग बढ़ेगी नहीं और स्थानीय स्तर पर इसका समाधान हो जाएगा। बहुत से ऐसे कारण होते हं, जिसके कारण आग लगती है, फिर उसे नियंत्रित करना कठिन होता है। रासायनिक कारणों से भी आग लगती है। कई स्थानों पर अग्निशामक यंत्र नहीं रखते हैं या रखते भी हैं तो उसकी एक्सपायरी डेट निकल जाती है या इसका उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित लोग नहीं होते हैं। वातावरण में बढ़ते हुए तापमान को देखते हुए सिस्टम में ज्यादा लोड पडऩे पर भी शार्ट सर्किट की स्थिति बनती है। जिससे आग लगने की संभावना होती है। गुणवत्ताहीन वायर का उपयोग करने से भी आग लगने की संभावना होती है। उन्होंने कहा कि आज यहां सौभाग्य से अग्नि दुर्घटना एवं आग से सुरक्षा के लिए जानकारी देने हेतु विशेषज्ञ है, जिनसे हमें अच्छे से जानकारी लेना चाहिए। आग लगने पर फायर ब्रिगेड की पाईप लाईन छोटी गली में नहीं पहुंच पाती। जब भी घर बनाये तो इस सोच के साथ बनाएं, जहां फायर ब्रिगेड एवं एम्बुलेंस पहुंच सकें। उन्होंने बिलासपुर का उदाहरण देते हुए बताया कि पेंट की दुकान में आग लगने पर भीषण स्वरूप ले लिया। प्रारंभिक स्तर पर ही आग को बुझाने का प्रयास करना चाहिए। समय रहते अग्नि पर नियंत्रित नहीं करने पर बुझाने में मशक्कत करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ऐसे दुकान जहां पर ऐसी वस्तुएं जो ज्वलशील पदार्थ रखते हैं, वहां पर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। दैनिक जीवन में आग से सावधानी रखने की आवश्यकता है। अपने घरों में जनसामान्य अग्निशामक यंत्र रख सकते हैं।

पुनीत चौबे ने कहा कि द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई लोकल सेंटर द्वारा इंजीनियरिंग समुदाय की सेवा करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसी कड़ी में यह आयोजन किया गया है, ताकि अग्नि सुरक्षा के संबंध में इंजीनियर समुदाय के समसामयिक एवं प्रासंगिक ज्ञान से समाज को लाभ मिल सके। देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का लगातार विकास हुआ है। इसी संदर्भ में अग्नि एवं जीवन की सुरक्षा के लिए सभी भवनों एवं उद्योगों में सुनियोजित तरीके से ऐसी संरचना का निर्माण करना चाहिए, जिससे अग्नि सुरक्षा के मापदण्डों का पालन हो सके तथा अग्नि की रोकथाम व जीवन सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अग्नि सुरक्षा से संबंधित योजनाबद्ध क्रियान्वयन, प्रशिक्षण तथा जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, ताकि सभी सजग एवं सतर्क रहकर सुरक्षित रहें।



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