रायपुर : रामायण प्रसार - परिशोध प्रतिष्ठान, अंबाला शहर द्वारा संक्षिप्त वाल्मीकीय रामायण का गद्य में संक्षिप्त कथा सार, जिसे मूल रूप से हिंद...
रायपुर : रामायण प्रसार - परिशोध प्रतिष्ठान, अंबाला शहर द्वारा संक्षिप्त वाल्मीकीय रामायण का गद्य में संक्षिप्त कथा सार, जिसे मूल रूप से हिंदी और अंग्रेजी में अनुवादित किया गया था, का अब तेरह भाषाओं में अनुवाद का विमोचन किया गया है। यह विमोचन सोमवार सुबह रायपुर स्थित श्री दूधाधारी मठ में संपन्न हुआ, जहां राजेश्री महंत डॉ. रामसुंदरदास जी महाराजश्री के करकमलों से अनुवादित संस्करणों का लोकार्पण हुआ।
इस महत्वपूर्ण साहित्यिक कार्य को नारायणी साहित्यिक संस्थान की डॉ. मृणालिका ओझा द्वारा संचालित किया गया, जिन्होंने बताया कि यह अनुवाद हिंदी और अंग्रेजी के अलावा हरियाणवी, डोगरी, नेपाली, छत्तीसगढ़ी, सिन्धी, असमिया, रवांल्टी, ब्रज, स्पैनिश, मराठी और तेलुगू भाषाओं में किया गया है।
महंत डॉ रामसुंदर दास जी ने इस पावन कार्य की सराहना की, उन्होंने कहा कि रामायण का संदेश संपूर्ण विश्व तक पहुँचाना आवश्यक है, और यह अनुवाद उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से राजेंद्र ओझा, नितिन कुमार झा, ह्रषिक, रौशनी, रवि शर्मा, ट्रस्टी विजय पाली, और रमेश यदु शामिल थे। सभी ने इस अनूठी पहल की सराहना की और इसके भविष्य में और भी भाषाओं में अनुवाद की संभावनाओं पर चर्चा की।
रामायण का विश्वव्यापी संदेश वाल्मीकि रामायण का संक्षिप्त कथा सार विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराने का उद्देश्य इसे व्यापक जनसमूह तक पहुँचाना है, जिससे विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों के लोग इस महान महाकाव्य की शिक्षा और आदर्शों से लाभान्वित हो सकें।
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