जगदलपुर : छत्तीसगढ़ दस्तावेज लेखक एवं स्टांप वेंडर संघ की जिला इकाई बस्तर द्वारा प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी गई है। य...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ दस्तावेज लेखक एवं स्टांप वेंडर संघ की जिला इकाई बस्तर द्वारा प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी गई है। यह हड़ताल संघ की 8 सूत्रीय मांगों को लेकर की जा रही है, जिसमें रोजगार बचाने और डिजिटल रजिस्ट्री प्रणाली के संभावित प्रभावों को लेकर विरोध जताया जा रहा है।
संघ के सदस्यों ने जगदलपुर के मंडी प्रांगण धरना स्थल पर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की और प्रदेश सरकार से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के खिलाफ भी नारे लगाए और सरकार को "होश में आने" की चेतावनी दी।
संघ के अध्यक्ष सतीश झा ने कहा, "हमारी हड़ताल का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा प्रस्तावित एक नए ऐप के माध्यम से पेपरलेस और कैशलैस रजिस्ट्री प्रक्रिया की शुरुआत को रोकना है। इस ऐप से हमारे रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ेगा और अधिवक्ता, नोटरी और दस्तावेज लेखकों के भविष्य पर संकट मंडरा रहा है।"
• रोजगार पर संकट :
संघ का कहना है कि डिजिटल रजिस्ट्री प्रक्रिया से दस्तावेज लेखकों और स्टांप वेंडरों का काम लगभग समाप्त हो जाएगा। सतीश झा ने आगे बताया कि यह ऐप भविष्य में गंभीर विसंगतियों का कारण बन सकता है, जिससे आपराधिक तत्वों द्वारा धोखाधड़ी और ऑनलाइन ठगी की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
उन्होंने कहा, "हमारी मांग है कि शासन हमारे रोजगार को संरक्षित करते हुए हमें पंजीयन कार्यों में शामिल करे। साथ ही, 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाए।"
• पहले हुई चर्चा और सरकार का आश्वासन :
संघ के अनुसार, पिछले माह 19 सितंबर को महानिरीक्षक पंजीयन कार्यालय में संघ की 8 मांगों पर चर्चा हुई थी। इन मांगों में फीस बढ़ाने, स्टांप वेंडरों के कमीशन में वृद्धि, और लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया को संघ की अनुशंसा पर आधारित करने जैसी महत्वपूर्ण मांगें शामिल थीं। हालाँकि, 15 दिनों में समस्या का समाधान करने का आश्वासन मिलने के बावजूद, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
संघ के सदस्य इस फैसले से बेहद नाराज हैं और राज्य सरकार से जल्द से जल्द उनकी मांगों पर विचार करने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं मिला, तो प्रदेश स्तर पर संघ के पदाधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में दस्तावेज लेखक और स्टांप वेंडर संघ की इस हड़ताल से राज्य के कई हिस्सों में पंजीयन कार्य प्रभावित हो सकते हैं। डिजिटल रजिस्ट्री प्रणाली और रोजगार के बीच संतुलन बनाने के लिए सरकार को जल्द समाधान निकालने की जरूरत है। अन्यथा, यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है।
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