◆लगातार हो रहे घंटों जाम से जनता आक्रोशित, जिम्मेदारों का चुप्पी चिंताजनक - पब्लिक वॉइस जगदलपुर :- बस्तर की लाइफलाइन मानी व कही जाने वाली क...
◆लगातार हो रहे घंटों जाम से जनता आक्रोशित, जिम्मेदारों का चुप्पी चिंताजनक - पब्लिक वॉइस
जगदलपुर :- बस्तर की लाइफलाइन मानी व कही जाने वाली केशकाल घाटी की दयनीय स्थिति किसी से छुपी हुई नही है। घण्टों जाम और घाटी की ख़स्ताहाल सड़क ने लोगों का जीवन दूभर व अव्यवस्थित कर दिया है। इस विषय को लेकर लोगों में जबरदस्त आक्रोश है, जिसे लेकर वे लगातार मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से जिम्मेदारों के मौन पर सवाल उठा रहे हैं।
इस गंभीर विषय पर सामाजिक संगठन पब्लिक वॉइस के रोहित सिंह आर्य ने वक्तव्य जारी करते हुये कहा कि केशकाल घाटी दयनीय स्थिति में है वर्षों से लोग घाटी की बदहाल सड़क व उसमें लगने वाले घण्टों जाम का विरोध व व्यवस्था सुधार की गुहार लगा रहे है पर आजपर्यन्त कोई सकारात्मक बदलाव होता नही दिख रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि बस्तर में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था की वजह से संभाग भर के अनेकों मरीजों को रायपुर व अन्य नगर रेफेर कर दिये जाता है। रायपुर तक पहुंचने के लिये आम जनमानस के पास एकमात्र सहज व बजटानुरूप विकल्प सड़क मार्ग ही है पर अब उस पर भी ग्रहण लग गया है। गंभीर मरीज केशकाल घाटी के जाम में घंटों फंसे रहते है जबकि ऐसे मरीजों के लिये पल पल कीमती होता है। जाम न भी हो तो सड़क की बदहाल हालत ऐसे गंभीर मरीजों की स्थिति को और बिगाड़ देती है।
केशकाल नगर की स्थिति तो नरक का रूप ले चुकी है धूल व प्रदूषण की वजह लोगों की जान पर बन आयी है। व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
आर्य ने आगे कहा कि जाम की वजह से लोग अब बस्तर की ओर आने से कतराने लगे हैं शायद इसी वजह से बस्तर दशहरा में इस बार सैलानियों की संख्या कम दिखी।
व्यापार की दृष्टिकोण से भी यह स्थिति काफी नुकसानदायक सिद्ध हो रही है।
आर्य ने आगे कहा कि शासन प्रशासन के पास बरसो से सटीक कार्ययोजना की कमी दिख रही है जबकि जनता को राहत दिलाने मरम्मत के नाम पर करोड़ों फूंके जा चुके है पर राहत नाम मात्र का भी नही हो पाया है। वर्तमान स्थिति काफी चिंताजनक है। ऐसे वक्त में प्रतिनिधियों का मौन रहना लोगों को ज्यादा खल है। प्रतिनिधियों को चाहिये वे सामने आकर वस्तुस्थिति स्पष्ठ करें और इस कार्य को स्पेशल मिशन के तहत चलाये। इस समस्या से निजात पाने आपसी सामंजयस अत्यंत आवश्यक है।
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