दंतेवाड़ा (सागर कश्यप) : कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की मद्देड़ एरिया कमेटी ने एक पत्र जारी कर भाजपा नेताओं को पार्टी छोड़ने की धमकी दी है।...
दंतेवाड़ा (सागर कश्यप) : कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की मद्देड़ एरिया कमेटी ने एक पत्र जारी कर भाजपा नेताओं को पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। पत्र में भाजपा नेताओं, विशेष रूप से भोपालपटनम मंडल अध्यक्ष यामल वेंकटेश्वर और उनके सहयोगी बिलाल खान को निशाना बनाया गया है। माओवादियों ने आरोप लगाया कि ये नेता गाँव-गाँव में भाजपा की सदस्यता को बढ़ाकर संगठन को मजबूत कर रहे हैं और इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं।
8 अक्टूबर 2024 को जारी इस पत्र में माओवादियों ने भाजपा पर "जन विरोधी ब्राह्मणीय हिन्दुत्व फासीवाद" का आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें आदिवासियों का उत्पीड़न कर रही हैं। उनका आरोप है कि भाजपा के शासन में निर्दोष आदिवासियों को नक्सली घोषित कर गिरफ्तार किया जा रहा है और फर्जी मुठभेड़ों में उनकी हत्याएँ की जा रही हैं। इसके अलावा, आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार के आरोप भी पत्र में लगाए गए हैं।
• भाजपा नेताओं पर वसूली और धमकी का आरोप :
माओवादी कमेटी ने यामल वेंकटेश्वर और बिलाल खान पर भाजपा संगठन को मजबूत करने के लिए स्थानीय गाँवों में बैठकें आयोजित करने और आश्रमों, होस्टलों तथा सरकारी संस्थानों से जबरन पैसे वसूलने का आरोप लगाया। पत्र में कहा गया है कि इन नेताओं द्वारा 20-30 हजार रुपये की अवैध वसूली की जा रही है और जो लोग पैसे देने से इंकार करते हैं, उन्हें धमकाया जा रहा है।
माओवादी कमेटी ने वेंकटेश्वर और खान से भाजपा पार्टी छोड़ने की चेतावनी दी है, और उन्हें "अच्छी और शांतिपूर्ण जिंदगी" जीने की सलाह दी है। साथ ही, माओवादियों ने सभी मानवाधिकार संगठनों, आदिवासी संगठनों और बेरोजगार युवाओं से अपील की है कि वे भाजपा संगठन में भर्ती होने का विरोध करें और पार्टी से दूरी बनाए रखें।
• क्षेत्र में बढ़ती नक्सली गतिविधियाँ :
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में नक्सली गतिविधियाँ एक बार फिर से बढ़ने लगी हैं। पिछले कुछ महीनों में माओवादियों द्वारा सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ हिंसक हमले तेज हो गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नक्सलियों की यह धमकी हाल में हुए नक्सल ऑपरेशन में कई नक्सलियों के मारे जाने के उत्तर में एक रणनीतिक कदम हो सकता है, ताकि भाजपा के ग्रामीण क्षेत्रों में जनाधार को कमजोर किया जा सके।
भाजपा की ओर से अभी तक इस धमकी पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है।
• नक्सलियों की रणनीति और सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती :
विश्लेषकों का मानना है कि माओवादियों की यह चेतावनी उनकी पुरानी रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत वे राजनीतिक दलों को निशाना बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी को सीधे तौर पर चुनौती देकर, माओवादी अपनी वैचारिक लड़ाई को और तेज करना चाहते हैं।
हालांकि, सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक गंभीर चुनौती है। नक्सलियों की धमकियों और हिंसक गतिविधियों से निपटने के लिए सरकार को स्थानीय समुदायों के साथ अधिक संवाद और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता होगी।
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