जगदलपुर : घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा के एक किसान के बेटे, डॉ. पवन ब्रिज ने अपनी मेहनत और लगन से एक नया इतिहास रचा है। जगदलपुर मेडिकल क...
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जगदलपुर : घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र सुकमा के एक किसान के बेटे, डॉ. पवन ब्रिज ने अपनी मेहनत और लगन से एक नया इतिहास रचा है। जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसर्जन के पद पर कार्यरत डॉ. पवन को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रायपुर के आयुष विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया।
डॉ. पवन ने 2023 में न्यूरोसर्जरी के लिए आयोजित एमसीएच परीक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए, जिससे न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे बस्तर का मान बढ़ाया। इस समारोह में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे, जिन्होंने डॉ. पवन की उपलब्धियों की सराहना की।
• संघर्ष से सफलता तक का सफर :
सुकमा के एक छोटे से गांव में जन्मे डॉ. पवन का सफर आसान नहीं था। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के बावजूद, उन्होंने अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की। सुकमा में प्रारंभिक शिक्षा के बाद, उन्होंने भिलाई में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और रायपुर मेडिकल कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में वे जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में न्यूरोसर्जन के रूप में सेवा दे रहे हैं, ताकि बस्तर के लोगों को न्यूरो सर्जरी के लिए बड़े शहरों में नहीं भटकना पड़े।
• समाज के प्रति समर्पण :
बड़े शहरों में आकर्षक प्रस्तावों को ठुकराकर, डॉ. पवन ने मेकाज में अपनी सेवाएं देने का निर्णय लिया। उनका मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहकर लोगों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना उनकी प्राथमिकता है। डॉ. पवन ने कहा, “यह मेरी और मेरे माता-पिता का सपना था कि मैं चिकित्सा के क्षेत्र में अपना योगदान दूं और बस्तर के लोगों की सेवा करूं।”
डॉ. पवन ब्रिज का यह सम्मान केवल उनका नहीं बल्कि उनके परिवार, उनके गांव और पूरे बस्तर की विजय है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर जुनून और मेहनत हो, तो किसी भी परिस्थिति में सफलता पाई जा सकती है।
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