सुकमा : छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय और उनके परंपराओं के ऐतिहासिक सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को सम्मानित करने हेतु एक भव्य कार्यक्रम का आय...
सुकमा : छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदाय और उनके परंपराओं के ऐतिहासिक सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान को सम्मानित करने हेतु एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन शासकीय डिबेरीधुर महाविद्यालय तोगपाल के जिला सुकमा मे संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्देश्य जनजाति समाज के गौरवशाली इतिहास संस्कृति कला और अन्य क्षेत्रों में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को उजागर करना था।
मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष हूंगाराम मरकाम ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई मुख्य वक्ता भाजपा नेता हूंगाराम मरकाम ने जनजाति नायकों के योगदान पर प्रकाश डाला साथ ही महान वीरांगना रानी दुर्गावती की 500 वी जयंती के अवसर पर महिलाओं की भूमिका को भी विशेष रूप से रेखाकित किया गया है। अतिथियों का स्वागत डिबेरीधुर महाविद्यालय तोगपाल ने किया इस अवसर पर कई अधिकारी कर्मचारी छात्र छात्राये और महाविद्यालय शिक्षण संस्थानों के प्रमुख उपस्थित रहे। भाजपा नेता हूंगा मरकाम ने जनजाति समाज के विभूतियां सहित संपूर्ण जनजाति समाज के लोगों का देश व समाज के नवनिर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। जनजाति समाज का गौरवशाली इतिहास कार्यक्रम मे वक्ताओं ने वीर बिरसा मुंडा वीरांगना रानी दुर्गावती शहीद वीर नारायण सिंह एवं शहीद गेंदसिंह आदि आदिवासी समाज के महापुरुषों एवं अमर शहीदों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी वीरता एवं योगदान को अनुपम एवं आदित्य बताया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा नेता हंगामा मरकाम ने कहां है कि जनजाति समाज सीधा सरल शांत एवं मेहनतकश समाज है जब भी देश व समाज के सामने चुनौती आई है जनजाति समाज के लोगों ने अपना सर्वत्र निछावर कर उसका डटकर मुकाबला किया है उन्होंने कहा कि हमारा मौजूदा केंद्र एवं राज्य सरकार आदिवासी समाज के विकास तथा उनके पुराने गौरव एवं विरासत को अक्षुण् बनाए रखने हेतु संकल्पित है भाजपा नेता ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा संचालित अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के फल स्वरुप जनजाति समाज के लोगों में निरंतर सुधार एवं आमूलचूल परिवर्तन हो रहा है आदिवासी समाज के अमर शहीदों एवं विभूतियों के स्वतंत्रता आंदोलन तथा राष्ट्र व समाज के नवनिर्माण में उनकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला उन्होंने नहीं पीढ़ी को इन अमर शहीदों एवं विभूतियों के आदर्शों से प्रेरणा लेने को कहा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि जब हम आदिवासी समाज का राष्ट्रीय एवं समाज के प्रति योगदान एवं उनकी गौरवशाली विरासत की बात करते हैं तो हमें एक उज्जवल साधना याद आती है जब क्रियाशील एवं कालजयी जनजाति आंदोलन में चाहे वह साम्राज्य साहित्य तोपों के प्रतिपक्ष में हो या फिर अंग्रेजों के जुल्मों सितम की प्रतिकार की बात हो दुनिया के इतिहास के सामने अनुपम एवं आदित्य उदाहरण पेश किया था उन्होंने आदिवासी समाज की गौरवशाली विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहां की हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया में लिखा है की आदिवासियों की संस्कृति विश्व की समस्त संस्कृति की जननी है उन्होंने कहा कि प्रख्यात भाषाविद डॉक्टर गिर्यशन ने कहा है कि आदिवासी समाज के प्रमुख भाषा गोंडी संस्कृति के अलावा दक्षिण भारत के प्रमुख तीन भाषा तमिल तेलुगू एवं कन्नड़ की भी जननी है इस कार्यक्रम के अवसर पर महाविद्यालय के प्रोफेसर अशोक दिलीप मरकाम सहित भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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