धमतरी।दीपावली पर्व से पहले सुआ नाचने की छत्तीसगढ़ी परंपरा है। महिलाओं और स्कूली बच्चों की टीम टोली गली-मोहल्लों में घूम-घूम सुआ सुआ नृत्य प्...
धमतरी।दीपावली पर्व से पहले सुआ नाचने की छत्तीसगढ़ी परंपरा है। महिलाओं और स्कूली बच्चों की टीम टोली गली-मोहल्लों में घूम-घूम सुआ सुआ नृत्य प्रस्तुत कर रही हैं। बदले में इन्हें लोगों द्वारा -द्वारा खुशी खुशी उपहार स्वरूप भेंट भी दी भी दी जा रही है।
दीप पर्व खुशियां लेकर आता है। पर्व की तैयारी लगभग पखवाड़े भर पहले शुरू हो जाती है। इन दिनों शहर व गांवों के गली-मोहल्लों में घूम-घूमकर सुआ नृत्य प्रस्तुत कर रही बच्चों व महिलाओं की टोली को देखा जा सकता है। बुधवार को आंबेडकर चौक के पास सुआ नृत्य प्रस्तुत कर रही महिलाओं ने बताया कि उनकी टोली हर साल दीपपर्व के पहले सुआ नृत्य के लिए निकलती है। सालों से यह परंपरा चली आ रही है। अब पहले की तरह नृत्य करने वाली टोलियों की संख्या कम हो गई है। बच्चों में इस त्योहार को लेकर ज्यादा उत्साह रहता है। अलग-अलग छत्तीसगढ़ी पारंपरिक गीत गाकर लोगों का मनोरंजन करने वाले बच्चों की खुशी देखते ही बन रही है।
धमतरी शहर में शहर के अलावा आसपास के गांव से भी महिलाओं और युवतियों की टोली दीप पर्व के आसपास सुआ नाचने के लिए पहुंचती है। साल के सबसे बड़े त्योहार होने के कारण उम्मीद रहती है कि उन्हें सुआ नृत्य के बदले के बदले अधिक भेंट (उपहार) प्राप्त होगा।
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