• सरकार धान नहीं ख़रीदने का कर रही है षडयंत्र : जगदलपुर : आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसे छत्तीसगढ़ प्रद...
• सरकार धान नहीं ख़रीदने का कर रही है षडयंत्र :
जगदलपुर : आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया जिसे छत्तीसगढ़ प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष श्री दीपक बैज के द्वारा सम्बोधित किया गया,श्री बैज ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा,भाजपा अडानी के भ्रष्टाचार की रक्षकहै, श्रीअडानी के खिलाफ सोलर एनर्जी के काम लेने के लिये घूस देने का मामला अमेरिका में दर्ज हुआ है।अडानी अमेरिका गए और वहां के शेयर मार्केट में लिस्ट कंपनी।्रनतम च्वूमत के साथ साठ-गांठ की,प्लान बना कि भारत में सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट बनाए जायें।उसके नाम पर अमेरिका के लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाये, उनसे 25,000 करोड़ रुपए उठाये।लेकिन भारत में सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट पाने में दिक्कत आने लगी क्योंकि बिजली महंगी थी, कोई भी सरकार लेने के लिए तैयार नहीं थी।फिर क्या था, जो पैसे अमेरिका के लोगों से बटोरे थे उसी में से करीब 2200 करोड़ रुपए की घूस भारत में दी जब इस मामले में अमेरिका में सुनवाई हुई और वहां की थ्ठप् और मार्केट रेगुलेटर ैम्ब् ने जांच की तो भारत में घूस का और अमेरिकी इन्वेस्टर्स से धोखाधड़ी का मामला सामने आया.अब अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस की ग्रैंड ज्यूरी ने अडानी के खिलाफ आरोप लगाते हुए वारंट जारी किया है,२साल से चल रही इस जाँच में यह भी सिद्ध हुआ है कि अडानी ने भारत के मार्केट रेग्युलेटर ैम्ठप् से भी झूठ बोला था.कितने कमाल की बात है कि हिंदुस्तान में झूठ और घूस देने के मामले में अमेरिका में कार्यवाही तो हो रही है लेकिन नरेंद्र मोदी के रहते हुए अडानी भारत में बिल्कुल सेफ हैं!वैसे ठश्रच् वाले आज अडानी के प्रवक्ता क्यों बने हुए हैं?!मालिक के लिए फेंकू ने देश पर धब्बा लगा दिया है, अमेरिका के निवेशकों का पैसे लेकर भारत में दिए 2200 करोड़ के रिश्वत के लिए अमेरिका में निकला वारंट, ईडी, आईटी, सेब मौन?हिंडेनबर्ग रिपोर्ट पर सही कार्यवाही हो जाती तो अंधभक्तों के मालिक जेल में होते.
वही प्रदेश की भाजपा सरकार धान नहीं ख़रीदने का षडयंत्र कर रही है,विष्णु देव साय सरकार की नई नीति से स्पष्ट है कि वह किसानों से धान ख़रीदी कम करना चाहती है.इस बार 160 लाख मिट्रिक टन धान ख़रीदी का लक्ष्य है. इसके लिए 14 नवंबर से 31 जनवरी तक का समय निर्धारित है. शनिवार, रविवार और सरकारी छुट्टियों को घटाकर कुल 47 दिन मिल रहे हैं इसका मतलब यह है कि प्रति दिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की ख़रीदी प्रति दिन करनी होगी, तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा।सरकार ने यह घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को घान बेचे थे, उनके खाते के रकम नहीं आया है।धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है.नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफ़र स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है.पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनौती दे सकें.अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफ़र स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है.पहले मार्कफ़ेड द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फ़रवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी.अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है.धान ख़रीदी बंद होगी 31 जनवरी को. यानी समितियों/संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रह रहेगा.यह एक तथ्य है कि धान में ख़रीदी के बाद सुखत की समस्या आती है.माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी इस बात का संज्ञान लिया है कि अगर सुखत होता है तो इसे लेकर नीति या नियम बनाया जाना चाहिए. वरना सरकार को लिखकर देना चाहिए कि सुखत नहीं होता है.धान मिलिंग के लिए हमारी सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था. जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश भर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं.अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है.हमारी सरकार में उपार्जित धान को मिलर सीधे ख़रीदी केंद्र से उठाते थे, नई नीति में ऐसा होना संभव नहीं दिखता है।
• अब क्या होगा ?
अगर सुखत की समस्या आती है यह एक तथ्य है तो दो महीने समितियों के पास या संग्रहण केंद्र में धान रखने के बाद धान की मात्रा में कमी आएगी ही आएगी. इससे एक तो समिति को बड़ा आर्थिक नुक़सान होगा और इसका नतीजा यह होगा कि समितियां भविष्य में ख़रीदी करना बंद कर देंगी. दूसरी क़ानूनी समस्या यह आएगी कि हर केंद्र में ख़रीदे गए धान और स्टॉक में रखे धान की मात्रा में बड़ा फ़र्क दिखेगा. जिसकी ज़िम्मेदारी अंततः समिति के कर्मचारियों पर आन पड़ेगी. पहले की नीति में शॉर्टेज की मात्रा निरंक होने पर समितियों को पांच रुपए प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाती थी. जिसमें से आधा समिति को मिलता था और आधा ख़रीदी कार्य में नियोजित कर्मचारियों व अधिकारियों को मिलता था. नई नीति में यह राशि समिति और कर्मचारियों के पास जाने की बजाय सीधे संबंधित ज़िला सहकारी बैंक शाखाओं में चली जाएगी. नई नीति में समितियों पर यह बोझ भी डाल दिया गया है कि उपार्जित धान को समितियां ही मिलर को लोड करके देंगीं. यह अतिरिक्त आर्थिक बोझ होगा. मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फ़ैसले के बाद विभिन्न ज़िलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं. इसका परिणाम ये होगा कि धान का प्रसंस्करण नहीं हो सकेगा और भाजपा के 15 साल के शासनकाल की तरह ही फिर से धान के सड़ने और ख़राब होने की ख़बरें आने लगेंगीं. अगर मिलर तत्काल धान का उठाव नहीं करते हैं तो भी संग्रहण केंद्रों में धान को संभाल कर रखने की चुनौती होगी।
अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा, किसानो से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। बीज उत्पादक किसानों से सोसायटी में धान नहीं खरीदा जा रहा। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा। सोसायटी में बारदाना की कमी है किसान परेशान है। धान खरीदी केन्द्रो में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है किसान घंटो खड़े रहते है।
प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष बैज ने कहा, भाजपा की सरकार बनने के बाद प्रदेश में 24×7 अपराध हो रहे हैं। राजधानी सहित बस्तर, सरगुजा, जशपुर, प्रदेश का कोई इलाका सुरक्षित नहीं है, भाजपा सरकार में आम जनता में इतना डर का माहौल है कि लोग सूर्यास्त होने के पहले सुरक्षित घर पहुंचने की विनती भगवान से करते हैं।अपराधी हथियार लेकर खुलेआम घूम रहे हैं। सुबह दोपहर शाम रात बाजार में स्कूल में ऑफिस में सड़क में कहीं भी आम जनता के ऊपर हमला कर रहे हैं। शराब खोरी नशा खोरी बे इंतेहा बढ़ गई है और सरकार हाथ में हाथ धरे बैठी हुई है। प्रदेश में जिस प्रकार से आपराधिक घटनाएं हो रही है ऐसा लगता है कि छत्तीसगढ़ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश को पछाड़ देगी। डबल इंजन की सरकार में प्रदेश में आपराधिक घटनाएं डबल गति से बढ़ी हुई है, सरकार में बैठे हुये जिम्मेदार लोग अपराधों पर नियंत्रण की बात करने के बजाय बहानेबाजी और राजनैतिक बयान देकर घटना को नकारने में लगे रहते है। आम आदमी रोज-रोज हो रही हत्याओं से दहशत में जी रहा. महिलायें अपने को असुरक्षित महसूस कर रही है। दीपावली के बाद से एक पखवाड़े में राजधानी रायपुर में 20 हत्याएं हो गईं हैं। इन 80 दिनों में 23 हत्या 20 हत्या के प्रयास, 40 बलात्कार, 6 धोखाघड़ी, 20 बलवा के और 250 चोरी मुकदमे दर्ज किए गए हैं और कई मामले ऐसे हैं जिसमें पीड़ित पक्ष का एफआईआर दर्ज नही किया गया है। पूरे प्रदेश में इसी गति से आपराधिक घटनाएं हो रही है। 12 महीने की भाजपा सरकार में हजारों बलात्कार, गैंग रेप, हत्या, लूट, सामूहिक हत्या, चाकूबाजी, आगजनी, ठगी की घटनाएं हुई है। एक ही दिन में राजधानी के विधानसभा के पास आमा-सिवनी में शराब दुकान के सामने दो-दो हत्याएं हुई, पुरानी बस्ती थाने के चंद कदमों की दूरी पर पेट्रोल डालकर एक युवक को जिंदा जला दिया गया, तेलीबांधा में गवाह को धमकाने अपराधियों ने हमला कर दिया। दिनदहाड़े गोलियां चल रही है, गैंगवार हो रहे हैं। दीवाली के दिन ही राजधानी रायपुर में 9 हत्या हुई, दुर्ग में 4 हत्यायें हुई. दीवाली के बाद से लेकर अब तक राजधानी रायपुर में रोज हत्यायें हो रही है, लेकिन यह सरकार आपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है. संवेदनशील और सुरक्षित माने जाने वाले रायपुर के सेंट्रल जेल परिसर के सामने एक व्यक्ति को गोली मार दी गई। गृहमंत्री के जिले से बेलगाम हुआ अपराध मुख्यमंत्री के गृह ग्राम तक पहुंच गया। राजधानी रायपुर में चला हत्याओं का गोलीबारी का खौफनाक मंजर पूरे प्रदेश में फैल चुका है। आम आदमी अपने आपको भयभीत महसूस कर रहा है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अपराध का गढ़ बन गया है। सरकार की लापरवाही और पुलिस की नाकामी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ में कोई भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश में जब से भाजपा की सरकार बनी है राजधानी में सरेआम गोलीबारी की पांचवी घटना हुई है। यह सारी घटनाएं बताती है कि भाजपा के राज में अराजकता फैली हुई है. सरकार चलाने वाले कानून व्यवस्था को नहीं संभाल पा रहे है, सरकार की विफलता की जवाबदेही मुख्यमंत्री की है मुख्यमंत्री का नियंत्रण सरकार पर नहीं है, सरकार बेपटरी हो चुकी है। 4 एसपी और कलेक्टर दर्जनों वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद भी सरकार कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही तब मुख्यमंत्री गृह मंत्री को हटाने में क्यों हिचकिचा रहे है? मुख्यमंत्री को ऐसा लगता है कि उनके गृह मंत्री की गलती नहीं है तो सरकार की नाकामी की जिम्मेदारी खुद लेकर तत्काल इस्तीफा दें।
इस प्रेसवार्ता के दौरान जिला कॉंग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन, निगम अध्यक्ष कविता साहू, नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स, उपनेता प्रतिपक्ष राजेश राय, रविशंकर तिवारी, हनुमान द्विवेदी, सुभाष गुलाटी, सहदेव नाग, पार्षद कोमल सेना, ललिता राव, सूर्यपानी, महामंत्री ज़ाहिद हुसैन, सुषमा सुता, निकेत झा, विशाल खम्बारी, सायमा अशरफ, असीम सुता, शादाब अहमद, सद्दाम रज़ा, ज्योति राव आदि मौजूद रहे।
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