नई दिल्ली : सरकार 65 वर्ष पुराने उस कानून को समाप्त करने की योजना बना रही है, जो सांसदों को लाभ का पद धारण करने के कारण सदन की सदस्यता के ल...
नई दिल्ली : सरकार 65 वर्ष पुराने उस कानून को समाप्त करने की योजना बना रही है, जो सांसदों को लाभ का पद धारण करने के कारण सदन की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराता है। यह कदम संसद के सदस्यों के लिए नए नियमों और आवश्यकता के अनुसार एक प्रभावी और समकालीन कानून लाने की दिशा में उठाया गया है।
केंद्रीय कानून मंत्रालय के विधि विभाग ने कलराज मिश्रा की अध्यक्षता वाली 16वीं लोकसभा में स्थापित 'लाभ के पद' पर संयुक्त समिति की सिफारिशों के आधार पर 'संसद (अयोग्यता की रोकथाम) विधेयक, 2024' का मसौदा पेश किया है।
इस प्रस्तावित विधेयक के तहत, मौजूदा कानून और अन्य संबंधित कानूनों के बीच मौजूद टकराव को दूर करने का प्रयास किया जाएगा, जिनमें अयोग्यता के बिना होने का स्पष्ट प्रावधान है।
नए कानून का उद्देश्य संसद में आच्छादित सांसदों के लिए उचित कार्यक्षमता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। यह कदम उन विवादों को सुलझाने के लिए उठाया गया है, जो पिछले कुछ वर्षों में सांसदों के लाभ के पद को लेकर उठे थे।
सरकार की इस नई पहल से संसद के कामकाज में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है, और सांसदों के अयोग्यता की परिभाषा को और अधिक स्पष्ट एवं प्रासंगिक बनाने की दिशा में यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
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