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भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन

जगदलपुर :  भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज बस्तर जिले में जनजातीय गौरव दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गय...

जगदलपुर : भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज बस्तर जिले में जनजातीय गौरव दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर टाउन हॉल, जगदलपुर में एक भव्य समारोह आयोजित हुआ, जिसमें वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिहार के जमुई से आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी यहां दिखाया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने बिरसा मुंडा की स्मृति में एक विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट का अनावरण किया।



पारंपरिक संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन :

वन मंत्री श्री केदार कश्यप ने पारंपरिक वेशभूषा और आभूषण की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और स्वयं भी स्थानीय उत्पादों का क्रय किया। कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें बीएसएनएल के सिम स्टॉल और स्वास्थ्य जांच शिविर शामिल थे। बच्चों और जनजातीय समुदाय के लोगों ने पारंपरिक औजार, खानपान और धरोहरों का अवलोकन किया।


संस्कृति और स्वाभिमान का संदेश :

कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें स्कूली बच्चों ने जनजातीय समाज की कला और संस्कृति को प्रदर्शित किया। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।


मुख्य अतिथि श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा, “भगवान बिरसा मुंडा ने जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए संघर्ष किया। आज हमें उनके आदर्शों को आत्मसात कर, अपने गौरवशाली इतिहास को संजोने का संकल्प लेना चाहिए।”


जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का संदेश :

चित्रकोट विधायक श्री विनायक गोयल ने जनजातीय समाज के वीर योद्धाओं के योगदान को रेखांकित किया। वहीं, कलेक्टर श्री हरिस एस ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को स्मरण करना और नई पीढ़ी को उनसे प्रेरणा देना है।


कलेक्टर ने बस्तर संभाग के वीरों का उल्लेख करते हुए कहा कि “यह दिन हमारे पूर्वजों की कुर्बानी को याद करने का दिन है, जिन्होंने संस्कृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।”


समृद्ध विरासत का संरक्षण :

इस वर्ष के कार्यक्रम का थीम “सामाजिक-आर्थिक विकास, आजीविका, कला-संस्कृति, और स्वास्थ्य” था। यह आयोजन जनजातीय समुदाय की उन्नति और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।


कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित जनों ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदानों को सदैव याद रखने का संकल्प लिया।


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