जगदलपुर : जिला उपभोक्ता आयोग ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए डॉ. चिखलीकर लैब्स एंड रिसर्च सेंटर को 4 लाख रुपये का जुर...
जगदलपुर : जिला उपभोक्ता आयोग ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण मामले में फैसला सुनाते हुए डॉ. चिखलीकर लैब्स एंड रिसर्च सेंटर को 4 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया। यह मामला एक मां और नवजात शिशु की गलत ब्लड रिपोर्ट के कारण बिगड़ी सेहत से जुड़ा है।
• मामला क्या है? :
बस्तर जिले के निवासी निकिता भाटिया ने डॉक्टर के परामर्श पर डॉ. चिखलीकर लैब में अपने टेस्ट करवाए। इस दौरान उनकी ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट गलत बताई गई। रिपोर्ट के अनुसार, उनका ब्लड ग्रुप पॉजिटिव बताया गया, जबकि असलियत में यह निगेटिव था। इस रिपोर्ट के आधार पर उपचार शुरू किया गया, जिससे मां और नवजात शिशु की हालत खराब हो गई।
• दूसरी जांच में हुआ खुलासा :
जब स्थिति नहीं सुधरी, तो परिवार ने अन्य लैब में जांच करवाई। दूसरी लैब में ब्लड ग्रुप की सही जानकारी सामने आई, जिससे पता चला कि डॉ. चिखलीकर लैब द्वारा दी गई रिपोर्ट गलत थी।
दोषी लैब की गलती से स्वास्थ्य पर पड़े प्रभाव को ध्यान में रखते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने निकिता भाटिया के पक्ष में निर्णय लिया। आयोग ने लैब संचालक पर न केवल आर्थिक क्षतिपूर्ति का आदेश दिया बल्कि भविष्य में ऐसी लापरवाही रोकने के लिए चेतावनी भी जारी की।
गलत ब्लड ग्रुप की रिपोर्ट के कारण इलाज में देरी हुई, जिससे नवजात शिशु और मां की सेहत गंभीर रूप से प्रभावित हुई। इस घटना ने चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्ता और जिम्मेदारी के महत्व को उजागर किया है।
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