जगदलपुर : छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ की लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। सुबह...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ की लंबे समय से लंबित मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। सुबह से ही जिले के 184 नगरीय निकायों के 20,000 प्लेसमेंट कर्मचारी कार्यस्थलों से अनुपस्थित रहे। हड़ताल के कारण सफाई, जल आपूर्ति, विद्युत और अन्य मूलभूत सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं।
• वेतन भुगतान की मांग :
महासंघ का कहना है कि प्लेसमेंट कर्मचारी पिछले 15-20 वर्षों से नगरीय निकायों में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कार्य कर रहे हैं। बावजूद इसके, उन्हें स्थायी कर्मचारियों के समान वेतन और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। महासंघ की मुख्य मांग है कि इन्हें अन्य विभागों (जैसे जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी, पीएचई, वन विभाग) की तर्ज पर नगरीय निकायों से सीधे वेतन भुगतान किया जाए। साथ ही, 4,000 रुपये की श्रम सम्मान राशि भी दी जाए।
• हो सकतीं हैं सेवाएं ठप, कहीं हड़ताल न बन जाए जनता की परेशानी का सबब :
हड़ताल कई दिनों तक चलने पर नगरीय निकायों की सेवाओं पर गहरा असर पड़ सकता है। बतादें सड़कों पर कचरा जमा, जल आपूर्ति बाधित, और कई क्षेत्रों में विद्युत मरम्मत का काम रुकने से आमजनों को खड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
शहरवासियों को परेशानियों की संभावना के बावजूद, कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अडिग हैं। महासंघ का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, हड़ताल जारी रहेगी।
• प्रदर्शन और मांगें तेज :
हड़ताल के साथ ही कर्मचारी जगदलपुर के महारानी वार्ड कृषि उपज मंडी में प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों ने नारेबाजी करते हुए सरकार से जल्द से जल्द उनकी मांगें पूरी करने की अपील की। महासंघ के जिला अध्यक्ष शक्ति वेल ने कहा, "हम वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन अब आर-पार की लड़ाई होगी। जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी।"
• प्रशासन की चुनौती बढ़ी :
हड़ताल को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सतर्क है। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को पहले ही सूचित किया जा चुका है। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सफाई और जल आपूर्ति की सेवाएं बाधित होने से शहर में असंतोष बढ़ सकता है। यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकाला गया, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
सरकार और प्रशासन से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की उम्मीद की जा रही है, ताकि जनता को राहत मिल सके और कर्मचारी अपने कार्य पर लौट सकें।
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