जगदलपुर : पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा के नए मापदंडों के खिलाफ माहरा समाज ने अपनी आवाज बुलंद की है। समाज ने बस्तर कमिश्नर और बस्त...
जगदलपुर : पुलिस भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा के नए मापदंडों के खिलाफ माहरा समाज ने अपनी आवाज बुलंद की है। समाज ने बस्तर कमिश्नर और बस्तर आईजी को ज्ञापन सौंपकर अनुसूचित जाति के लिए पूर्व में लागू मापदंडों को बहाल करने की मांग की है।
माहरा समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने 14 अगस्त 2023 को उन्हें आरक्षण का लाभ प्रदान किया था। 2018 तक पुलिस भर्ती में अनुसूचित जाति के लिए शारीरिक दक्षता का मापदंड अनुसूचित जनजाति के समान था, लेकिन हाल के बदलावों के बाद इसे सामान्य वर्ग के बराबर कर दिया गया है। इस बदलाव ने समाज के युवाओं के लिए पुलिस सेवा में प्रवेश के अवसर सीमित कर दिए हैं।
• समाज के हितों को नुकसान का आरोप :
माहरा समाज का कहना है कि यह नया नियम समाज के युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है। उनका मानना है कि यह परिवर्तन युवाओं के सपनों को कुचलने वाला है। समाज ने जोर देकर कहा कि 2018 तक लागू मापदंड को फिर से लागू किया जाना चाहिए, ताकि उनके युवाओं को भी पुलिस सेवा में अपना करियर बनाने का अवसर मिल सके।
• मांग के समर्थन में प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति :
ज्ञापन सौंपने के दौरान माहरा समाज के संभागीय अध्यक्ष राजू बघेल, संरक्षक सोनाराम बघेल, संयोजक राजेंद्र बघेल, उपाध्यक्ष भुवनेश्वर नाग, बस्तर जिला अध्यक्ष कन्हैया सोना और अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे। समाज के नेताओं ने इस मुद्दे पर संबंधित अधिकारियों से त्वरित कार्रवाई की मांग की।
• तत्काल कार्रवाई की अपील :
माहरा समाज ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया में सुधार की अपील करते हुए कहा कि यह उनके युवाओं के साथ न्याय और समाज के उत्थान के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे आंदोलन का रुख भी अपना सकते हैं।
समाज के इस कदम से पुलिस भर्ती के मापदंडों में बदलाव की बहस एक बार फिर जोर पकड़ सकती है।
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