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बाल मेले का आयोजन बच्चों को स्वावलंबी बनने की प्रेरणा देता है: अमित जोगी

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही :  भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता...

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को बाल दिवस के रूप में पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इसी कड़ी में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के विभिन्न स्कूलों में भी बाल दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।

भारत माता पब्लिक स्कूल में आयोजित बाल मेले में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने बच्चों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का अवलोकन किया और उनके बनाए व्यंजनों का आनंद लिया।


चाचा नेहरू से प्रेरणा लेने का आह्वान :

अमित जोगी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “पंडित नेहरू ने अपने जन्मदिवस को देश के बच्चों को समर्पित किया। बाल मेला जैसे आयोजन न केवल बच्चों के हुनर को प्रदर्शित करने का मंच देते हैं, बल्कि उन्हें स्वावलंबी बनने की दिशा में प्रेरित भी करते हैं। ऐसे आयोजनों से बच्चों में आत्मनिर्भरता, सहयोग और नेतृत्व जैसे गुण विकसित होते हैं।”


उन्होंने यह भी बताया कि पंडित नेहरू बच्चों के अधिकारों और उनके समग्र विकास के प्रति बहुत संवेदनशील थे। बच्चों के प्रति उनका स्नेह और उनकी दृष्टि ही बाल दिवस को विशेष बनाती है।

स्थानीय स्तर पर बच्चों का उत्साह :

बाल मेले में बच्चों ने विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों और हस्तनिर्मित वस्तुओं के स्टॉल लगाए। अमित जोगी ने बच्चों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ता है। स्कूल के शिक्षक और अभिभावकों ने भी बच्चों की प्रतिभा और रचनात्मकता को सराहा।



शिक्षा के साथ कौशल विकास पर जोर :

बाल मेले का उद्देश्य न केवल बच्चों का मनोरंजन था, बल्कि उन्हें व्यावसायिक और सामाजिक कौशल विकसित करने का अवसर भी प्रदान करना था। इस अवसर पर स्कूल के प्रिंसिपल ने कहा, “ऐसे कार्यक्रमों से बच्चों को टीम वर्क, आर्थिक प्रबंधन और समस्या-समाधान जैसे महत्वपूर्ण जीवन कौशल सीखने का अवसर मिलता है।”


इस आयोजन में बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों और स्थानीय समुदाय ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। बाल मेले ने शिक्षा, मनोरंजन और सामाजिक सहभागिता का बेहतरीन उदाहरण पेश किया।


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