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17 साल बाद ईसाई धर्म छोड़कर दो परिवारों की घर वापसी: सिंगनपुर में भाईचारे की नई मिसाल

जगदलपुर :  तोकापाल के ग्राम पंचायत सिंगनपुर के आश्रित गांव गुड़ापारा सिंगनपुर में 17 साल बाद दो परिवारों ने अपने मूल धर्म हिंदू धर्म में वाप...

जगदलपुर : तोकापाल के ग्राम पंचायत सिंगनपुर के आश्रित गांव गुड़ापारा सिंगनपुर में 17 साल बाद दो परिवारों ने अपने मूल धर्म हिंदू धर्म में वापसी की है। ये परिवार पिछले 17 वर्षों से ईसाई धर्म का अनुसरण कर रहे थे और उनकी प्रार्थनाओं में भाग लेते थे।


ग्राम प्रमुखों और पुजारी की पहल :

गांव के पुजारी और ग्राम प्रमुखों ने इन परिवारों से बातचीत की और उन्हें अपने मूल धर्म में लौटने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इन परिवारों को समझाया कि धार्मिक बदलाव के बावजूद भाईचारे और सामाजिक एकता बनाए रखना आवश्यक है। बातचीत के दौरान उन्हें विश्वास दिलाया गया कि उनके मूल धर्म में लौटने से उन्हें फिर से समाज में अपनापन और समर्थन मिलेगा।


गांव के लोगों का सहयोग :

इस घर वापसी अभियान में गांव के कई प्रमुख लोग सक्रिय रूप से शामिल हुए। सरपंच मुना कश्यप, सरपंच जीवनाथ मौर्य, संतोष जैन, मनी बघेल, भिमा मौर्य, लक्ष्मण बघेल, लखमू कश्यप, मनु बघेल, तिलक कश्यप, सोनू कश्यप, भुवन कश्यप, और बैशाखू कश्यप ने इन परिवारों का स्वागत किया और इस पुनः मिलन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।


ग्राम सभा में सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया गया कि इन परिवारों की घर वापसी से गांव में एकता और सांप्रदायिक सौहार्द और मजबूत होगा। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि भविष्य में भी गांव में धर्म और जाति से ऊपर उठकर एकजुटता बनाए रखी जाएगी।


धर्म वापसी के बाद गांव में एक छोटा सा उत्सव भी आयोजित किया गया, जिसमें सभी ग्रामीणों ने मिलकर सामूहिक भोज का आयोजन किया। इस आयोजन ने भाईचारे और सौहार्द का संदेश दिया।


सिंगनपुर की यह घटना सामाजिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता का बेहतरीन उदाहरण है। इस कदम ने यह साबित किया है कि संवाद और सहयोग से किसी भी मतभेद को दूर किया जा सकता है।

गुड़ापारा सिंगनपुर के इन दो परिवारों की घर वापसी न केवल उनकी व्यक्तिगत मान्यताओं की बात है, बल्कि यह पूरे गांव में सौहार्द और एकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ग्राम प्रमुखों और ग्रामीणों के सामूहिक प्रयासों से यह संभव हो पाया, जो आज हर समुदाय के लिए प्रेरणा बन सकता है।


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