जगदलपुर : छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष लीला राम साहू ने आज जगदलपुर में आयोजित आपातकालीन बैठक में संगठन के भीतर असंतोष...
जगदलपुर : छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष लीला राम साहू ने आज जगदलपुर में आयोजित आपातकालीन बैठक में संगठन के भीतर असंतोष और अलग संगठन बनाने की कोशिशों पर कड़ा रुख अपनाया। बैठक में उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ की एकता और उद्देश्य को तोड़ने का प्रयास किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "इस माह की 13 तारीख को हुई बैठक में यह बात सामने आई थी कि कुछ लोग संघ को विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं। बिना प्रदेश अध्यक्ष की सहमति के नए बैनर के तहत बैठकें करना और संगठन बनाना अनुचित है। यह न केवल संघ के नियमों के खिलाफ है, बल्कि संगठन की अखंडता को भी नुकसान पहुंचाता है।"
• संघ की ऐतिहासिक लड़ाई और योगदान :
प्रदेश अध्यक्ष ने संघ की अब तक की उपलब्धियों और आंदोलनों को याद करते हुए कहा कि पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ 2011 से अपने अधिकारों के लिए संघर्षरत है। उन्होंने जगदलपुर के लालबाग में हुए ऐतिहासिक आंदोलन और 2012 की पैदल यात्रा का उल्लेख किया, जिसमें 50,000 लोग शामिल हुए थे। "हमने बड़े पैमाने पर आंदोलनों के जरिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। ऐसे में, किसी नए संगठन के साथ विलय का सवाल ही नहीं उठता।"
• सदस्यों पर सख्त कार्यवाही की चेतावनी :
आपातकालीन बैठक में यह फैसला लिया गया कि संघ के जो भी सदस्य नए संगठन में संलिप्त पाए जाएंगे, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। "ऐसे सदस्यों को पदमुक्त किया जाएगा," साहू ने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि आज की बैठक में अनुपस्थित सदस्यों को शो-कॉज नोटिस जारी किया जाएगा।
• संघ की प्राथमिकताएं और अपील :
लीला राम साहू ने 27 प्रतिशत आरक्षण और पेसा एक्ट जैसे मुद्दों पर लड़ाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने अपील की, "हम सभी सदस्यों को संघ की एकता बनाए रखने के लिए आमंत्रित करते हैं। अधिकारों की लड़ाई एकजुट होकर लड़नी होगी। अलग बैनर के तहत संघर्ष करना न तो व्यावहारिक है और न ही उचित।"
यह आपातकालीन बैठक न केवल संघ के अंदर असंतोष को दूर करने का प्रयास थी, बल्कि यह यह संदेश भी देती है कि संगठन की अखंडता और उद्देश्य के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
No comments