तोकापाल : बाल दिवस के अवसर पर आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, तोकापाल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्...
तोकापाल : बाल दिवस के अवसर पर आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, तोकापाल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने खेल-खेल में कारोबार और मार्केटिंग के कौशल सीखे। विद्यालय प्रबंधन ने बच्चों के लिए फन फेयर का आयोजन किया, जो न केवल मनोरंजन का साधन बना, बल्कि व्यावसायिक शिक्षा का भी एक अद्भुत मंच सिद्ध हुआ।
विद्यालय के प्राचार्य विधु शेखर झा और उप प्राचार्य इरम रहीम के नेतृत्व में इस मेले का उद्देश्य बच्चों को उद्यमिता और कारोबार के मूलभूत सिद्धांतों से परिचित कराना था। बैठक में सहमति बनने के बाद, 16 स्टालों की स्थापना की गई, जिनमें विभिन्न प्रकार के व्यंजन और आकर्षक उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
• खेल-खेल में सीखे व्यापारिक कौशल :
बाल दिवस पर आयोजित इस मेले में विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया गया। बच्चों ने सीखा कि कैसे सीमित निवेश से लाभ अर्जित किया जा सकता है। हर स्टाल पर बच्चों ने खुद अपने बनाए व्यंजनों और उत्पादों की मार्केटिंग की। इस दौरान विद्यार्थियों को यह भी सिखाया गया कि लाभांश का एक हिस्सा संस्थागत फंड में कैसे योगदान किया जाए, ठीक जीएसटी प्रणाली की तरह।
• अभूतपूर्व उत्साह और आनंद :
सुबह 8:30 बजे से ही स्कूल प्रांगण में रौनक छा गई। विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक सभी ने इस फन फेयर का भरपूर आनंद लिया। स्टालों पर उमड़ी भीड़ ने मेले को एक सफल आयोजन बना दिया।
• संस्था के सामूहिक प्रयास से आयोजन हुआ सफल :
इस आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं और स्टाफ ने अहम भूमिका निभाई। इसमें स्वाति लवंग, राजीव सिंह ठाकुर, सरिता यादव, सोनाक्षी मजूमदार, श्रीदेवी सिंह, नीलम भास्कर, रुपिंदर कौर, अर्पणा सिंह, लता जोशी, प्रीति साइमन, अपर्णा मिगलानी, काजल यादव, पंकज मूर्ति, नीता शुक्ला, ज्योत्सना कश्यप, इंद्र राज सोनवानी, तनय घोष, मानसी बघेल, मोहनीश पांडे, महेश सोनी, लेसिना देवांगन, जयदेव बघेल एवं कुंती बघेल सहित कई अन्य कर्मचारियों ने अपनी पूरी क्षमता से योगदान दिया।
अभिभावकों और स्थानीय समुदाय ने इस पहल की जमकर सराहना की। उन्होंने इसे न केवल आनंददायक, बल्कि बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण सीख का माध्यम बताया। प्राचार्य विधु शेखर झा ने कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों में आत्मनिर्भरता और नेतृत्व के गुण विकसित करने में मददगार होते हैं।
बाल दिवस पर इस प्रकार के व्यावसायिक शिक्षण से बच्चों ने न केवल आनंद लिया, बल्कि अपने भीतर एक उद्यमी दृष्टिकोण भी विकसित किया।
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