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बस्तर में भूकंप और स्कूल हादसे से सहमा क्षेत्र: प्रशासन की सुस्ती पर सवाल

सुकमा :  तेलंगाना के मुलूगु जिले में बुधवार सुबह 5.3 तीव्रता के भूकंप ने छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में दहशत फैला दी। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़...

सुकमा : तेलंगाना के मुलूगु जिले में बुधवार सुबह 5.3 तीव्रता के भूकंप ने छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में दहशत फैला दी। सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, और जगदलपुर तक झटके महसूस किए गए। बीजापुर के भोपालपटनम, उसूर, और आवापल्ली में खिड़कियां और टीन शेड हिलने लगे, जिससे लोग घरों से बाहर भागे। हालांकि, जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।

स्कूल का गेट गिरने से छात्र हुआ हादसे का शिकार :

बकावंड विकासखंड के मूली गांव में स्कूल का गेट गिरने से 12 वर्षीय छात्र गुप्तेश्वर कश्यप गंभीर रूप से घायल हो गया। सातवीं कक्षा का यह छात्र छुट्टी के बाद गेट बंद कर रहा था, जब गेट टूटकर उसके जांघ पर गिर गया, जिससे उसकी हड्डी टूट गई।


घटना के बाद छात्र एक घंटे तक दर्द से कराहता रहा। किसी शिक्षक ने तुरंत सहायता नहीं दी, और मां बच्चे को घर ले गई। प्राथमिक उपचार के बाद उसे जगदलपुर के महारानी अस्पताल ले जाया गया, जहां हड्डी टूटने की पुष्टि हुई।


गरीब माता-पिता अस्पताल का खर्च नहीं उठा पा रहे हैं और बच्चे का घरेलू इलाज कर रहे हैं। पिता हलदार कश्यप ने बताया कि इलाज के लिए पैसे नहीं हैं।


स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) श्रीनिवास मिश्रा ने घटना के एक हफ्ते बाद भी रिपोर्ट तक नहीं मंगवाई। प्रधान पाठक ने केवल 500 रुपये की सहायता दी।


शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना पर चुप्पी साध रखी है। बीईओ का कहना है कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही कार्रवाई होगी।


सवाल खड़े होते हैं :

स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से गेट कैसे गिरा?


शिक्षा विभाग ने अब तक पीड़ित छात्र की मदद क्यों नहीं की?


क्या गरीब छात्रों के जीवन की कोई कीमत नहीं है?


प्रशासन को न केवल पीड़ित छात्र की सहायता करनी चाहिए, बल्कि स्कूलों में सुरक्षा के सख्त प्रावधान लागू करने चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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