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छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती घोटाला: भ्रष्टाचार के चलते प्रक्रिया रद्द, सात गिरफ्तार

  रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने इस भ...

 रायपुर: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद राज्य सरकार ने इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए। भर्ती प्रक्रिया पर शुरू से ही सवाल उठ रहे थे, और हालिया जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।


भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा की परतें खुलीं:

राजनांदगांव के आठवीं बटालियन पेंड्री में हुई शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया।

31 संदिग्ध अभ्यर्थी: सॉफ्टवेयर के जरिए संदिग्ध डेटा पकड़ा गया। इनमें से एक अभ्यर्थी मीना पात्रे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

फर्जी अंक आवंटन: मीना पात्रे ने गोला फेंक इवेंट में 20 में 20 अंक हासिल किए थे, लेकिन डीएसपी तनुप्रिया की सतर्कता से यह गड़बड़ी पकड़ में आई। मैनुअल जांच में मीना को 11 अंक मिलने चाहिए थे।


आर्थिक लालच के जरिए फर्जी सफलता:

मीना ने शारीरिक दक्षता परीक्षा के दौरान पुलिसकर्मियों को आर्थिक लालच दिया। यह तथ्य सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैट और गवाहों के बयान से सामने आया। पूछताछ में मीना ने यह स्वीकार किया कि उसने एक परिचित पुलिसकर्मी के माध्यम से अपनी सफलता सुनिश्चित करने के लिए घूस दी थी।

भ्रष्टाचार में शामिल अन्य लोग गिरफ्तार

इस मामले में अब तक कुल सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।

चार पुलिसकर्मी और एक टेक्नोलॉजी कंपनी के दो कर्मचारी पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं।

अन्य संदिग्ध अभ्यर्थियों के सत्यापन का काम जारी है।

आत्महत्या का मामला बना चर्चा का विषय

भ्रष्टाचार के इस विवाद के बीच, भर्ती प्रक्रिया में शामिल एक आरक्षक ने आत्महत्या कर ली। इस घटना ने मामले को और संवेदनशील बना दिया।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और सरकार पर हमला

विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने इसे प्रशासन की विफलता करार देते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।


निष्कर्ष:

पुलिस भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार ने राज्य के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार ने कार्रवाई करते हुए प्रक्रिया को रद्द कर दिया है, लेकिन अब जनता दोषियों को सख्त सजा मिलने की उम्मीद कर रही है।

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