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बीजापुर में 96 लाख का घोटाला: जल एवं मिट्टी संरक्षण के नाम पर फर्जीवाड़ा, भाजपा ने की जांच की मांग

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  बीजापुर, छत्तीसगढ़ : जिले के गंगालूर वन परिक्षेत्र में जल एवं मिट्टी संरक्षण के नाम पर हुए 96.638 लाख रुपये के घोटाले ने सनसनी फैला दी है।...

 


बीजापुर, छत्तीसगढ़: जिले के गंगालूर वन परिक्षेत्र में जल एवं मिट्टी संरक्षण के नाम पर हुए 96.638 लाख रुपये के घोटाले ने सनसनी फैला दी है। आरोप है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी ने किकलेर नाला में नरवा विकास योजना के तहत कैम्पा मद से स्वीकृत राशि फर्जी बिलों के माध्यम से आहरित कर ली। इस मामले में भाजपा ने उच्चस्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।


क्या है मामला?

वर्ष 2020-21 में किकलेर नाला में नरवा विकास योजना के तहत जल एवं मिट्टी संरक्षण के लिए 96.638 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी। आरोप है कि वन परिक्षेत्र अधिकारी ने बिना कोई कार्य किए फर्जी दस्तावेजों और बिलों के माध्यम से पूरी राशि निकाल ली।



गुरुवार को भाजपा के पूर्व सांसद प्रतिनिधि श्रीनिवास रेड्डी, जनजाति गौरव समाज के अध्यक्ष पुरुषोत्तम शाह, और भाजपा के पूर्व कोषाध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) रंगनाथन रामकृष्ण वाय को ज्ञापन सौंपा। भाजपा नेताओं ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की।


भाजपा नेताओं का आरोप:

पूर्व सांसद प्रतिनिधि श्रीनिवास रेड्डी ने कहा, "सरकार द्वारा जल एवं मिट्टी संरक्षण के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए, लेकिन इनका दुरुपयोग हुआ। वन परिक्षेत्र अधिकारी ने कागजों पर काम पूरा दिखाकर राशि हड़प ली।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह घोटाला पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में हुआ है।

पुरुषोत्तम शाह ने कहा, "इस तरह के फर्जीवाड़े से न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है, बल्कि ग्रामीणों और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी नुकसान पहुंच रहा है।"


प्रशासन की प्रतिक्रिया:

डीएफओ रंगनाथन रामकृष्ण वाय ने ज्ञापन प्राप्त करने की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की प्राथमिक जांच शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, "यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"


भाजपा का आंदोलन का ऐलान:

भाजपा नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं होती है, तो पार्टी आंदोलन करेगी। अभिषेक ठाकुर ने कहा, "इस घोटाले ने सरकार की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।"


जिले में हड़कंप

96 लाख रुपये के इस घोटाले ने बीजापुर जिले में हड़कंप मचा दिया है। यह देखना होगा कि जांच के बाद दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है और क्या भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे।




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