बिलासपुर : शहर में एक महिला से कथित एनजीओ के नाम पर 25 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। फर्जी एनजीओ के ठगों ने महिला को बीमार और गरी...
बिलासपुर : शहर में एक महिला से कथित एनजीओ के नाम पर 25 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। फर्जी एनजीओ के ठगों ने महिला को बीमार और गरीब बच्चों की मदद के नाम पर चंदा देने के लिए पहले बहलाया और फिर ब्लैकमेल कर भारी रकम ऐंठ ली।
• कैसे हुई ठगी ?
रेंज साइबर थाने के प्रभारी अधिकारी, आईपीएस और कोतवाली सीएसपी अक्षय प्रमोद सबद्रा ने बताया कि पीड़ित महिला को एनजीओ के नाम पर संपर्क किया गया। ठगों ने दावा किया कि वे गरीब और बीमार बच्चों के इलाज व विकास के लिए काम करते हैं। महिला ने पहले उनकी बातों में आकर कुछ चंदा दिया। इसके बाद, एक गंभीर रूप से बीमार बच्चे के इलाज के लिए और पैसे मांगे गए।
महिला जब रकम देने में असमर्थ रही, तो जालसाजों ने कॉल कर बताया कि इलाज न मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने महिला को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए धमकाना शुरू कर दिया। डर और दबाव के कारण महिला से अलग-अलग बहानों से 25 लाख रुपये ले लिए गए।
• पुलिस की कार्रवाई :
जब जालसाजों की मांगें बढ़ने लगीं, तो महिला ने इस मामले की जानकारी अपने परिवार को दी। इसके बाद रेंज साइबर थाने में शिकायत दर्ज की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ठगों ने सुप्रीम कोर्ट के नाम से फर्जी दस्तावेज भी भेजे, जिससे महिला पर और दबाव बनाया जा सके। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि इस तरह की धमकियों से डरने के बजाय तुरंत पुलिस को सूचित करें।
आईपीएस अक्षय प्रमोद सबद्रा ने कहा कि ऐसे फर्जी कॉल्स पर किसी भी तरह का लेन-देन करने से पहले पुलिस को सूचित करना जरूरी है। इसके अलावा, ठगों के जाल में फंसने से बचने के लिए सतर्कता बरतें और अज्ञात संगठनों को पैसे न दें।
यह घटना लोगों को यह संदेश देती है कि किसी भी सामाजिक कार्य या चंदा देने से पहले संबंधित संगठन की प्रमाणिकता की जांच करें। साथ ही, अनजान कॉल्स पर किसी भी तरह का व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच तेज़ी से की जा रही है, और जल्द ही ठगों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
Published By Gaurav Jha
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