बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने न्यायिक इतिहास में पहली बार शीतकालीन अवकाश के दौरान पांच महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष ड...
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने न्यायिक इतिहास में पहली बार शीतकालीन अवकाश के दौरान पांच महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं की सुनवाई के लिए विशेष डिवीजन बेंच का गठन किया है। यह सुनवाई 28 दिसंबर को होगी।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की अध्यक्षता में यह विशेष बेंच जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। हाई कोर्ट ने इन मामलों को स्वत: संज्ञान में लेते हुए यह निर्णय लिया। इनमें जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार और बस्तर के 18 करोड़ रुपये के सोलर लाइट घोटाले जैसे गंभीर मुद्दे शामिल हैं।
जनहित याचिकाएं और उनके मुद्दे:
1. जल जीवन मिशन: पाइपलाइन लीकेज और भ्रष्टाचार के मामले।
2. सोलर लाइट घोटाला: पंचायतों में बिना टेंडर घटिया उपकरणों की खरीद।
3. गांवों में फर्जी सोलर सिस्टम: कागजों में लाइट लगी, लेकिन वास्तविकता में काम अधूरा।
4. पंचायतों में नियमों का उल्लंघन: बिना क्रेडा की मंजूरी के सोलर प्रोजेक्ट्स लागू।
5. राज्य और केंद्र सरकार से संबंधित अन्य गंभीर मामले।
विशेष व्यवस्था:
शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से 1 जनवरी तक रहेगा।
नियमित सुनवाई स्थगित रहेगी, लेकिन रजिस्ट्री खुली रहेगी।
रजिस्ट्रार जनरल द्वारा इन मामलों की सूची जारी की गई।
न्यायपालिका का सक्रिय कदम:
यह पहली बार है जब हाई कोर्ट ने अवकाश के दौरान स्वत: संज्ञान में लिए गए मामलों की सुनवाई के लिए कदम उठाया है। इससे स्पष्ट होता है कि अदालत जनहित के मुद्दों को लेकर गंभीर है और किसी भी हाल में न्याय में देरी नहीं होने देना चाहती।
इस ऐतिहासिक पहल ने न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को मजबूत करने की दिशा में एक नया उदाहरण पेश किया है।
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