रायपुर: रायपुर के वीआईपी रोड पर निर्माणाधीन "अविनाश एलिगेंस" बिल्डिंग की छत गिरने से दो मजदूरों की मौत के दो दिन बाद भी प्रशासन न...
रायपुर: रायपुर के वीआईपी रोड पर निर्माणाधीन "अविनाश एलिगेंस" बिल्डिंग की छत गिरने से दो मजदूरों की मौत के दो दिन बाद भी प्रशासन ने बिल्डर या ठेकेदार के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है। श्रम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, ठेकेदार का श्रम विभाग में पंजीयन नहीं था, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।
घटना का विवरण:
शनिवार दोपहर तीन बजे इमारत की सातवीं मंजिल की छत ढलाई के दौरान यह हादसा हुआ। घटना के बाद से निर्माण स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है। हालांकि, प्रशासन और पुलिस की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रशासनिक कार्रवाई का अभाव:
श्रम विभाग के प्रभारी सहायक श्रमायुक्त आर.के. प्रधान ने कहा कि ठेकेदार का पंजीयन नहीं था, जो कि नियमानुसार अवैध है। नियम के अनुसार, ऐसे मामलों में बिल्डर और ठेकेदार दोनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।एसएसपी डॉ. लाल उम्मेद सिंह ने कहा, घटना की जांच चल रही है। श्रम विभाग से बातचीत के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अधिवक्ता दुर्गा शंकर सिंह ने कहा, जिस ठेकेदार का पंजीयन नहीं है, उससे काम करवाना गैरकानूनी है। ऐसे में बिल्डर और ठेकेदार दोनों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
अविनाश ग्रुप के डायरेक्टर आनंद सिंघानिया ने कहा, हमने काम अनुभवी ठेकेदार को दिया था। उनके पास पंजीयन और लाइसेंस होने की शर्त हमारी नीति में शामिल है। मैं इसकी जांच करवा रहा हूं।श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा, पंजीयन के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस हादसे ने प्रशासन, बिल्डर, और श्रम विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बिल्डर द्वारा बिना पंजीकृत ठेकेदारों से काम कराना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह श्रमिकों की सुरक्षा को भी ताक पर रखने का उदाहरण है।
स्थानीय जनता और विपक्षी दलों ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है। वहीं, कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की चुप्पी भी राजनीतिक दबाव और सांठगांठ के संकेत दे रही है।
इस हादसे ने निर्माण क्षेत्र में नियमों की अनदेखी और श्रमिकों की सुरक्षा की अनदेखी की ओर ध्यान खींचा है। अब देखना होगा कि प्रशासन और श्रम विभाग इस मामले में क्या कार्रवाई करते हैं और दोषियों को कब तक न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।
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