जगदलपुर : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ...
जगदलपुर : ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. संजय बसाक ने बस्तर जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया। यह अभियान कलेक्टर हरिस एस के निर्देशानुसार चलाया जा रहा है।
गुरुवार को सीएमएचओ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) बस्तर का दौरा किया। मासिक बैठक के दौरान उन्होंने उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों से विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा की और मार्च 2025 तक सभी लक्ष्यों को शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने निक्षय निरामय अभियान और सिकलसेल जांच जैसे कार्यक्रमों की प्रगति पर जोर देते हुए संबंधित कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया।
सीएमएचओ ने शिशु संरक्षण माह के तहत लक्षित बच्चों को विटामिन ए की खुराक देने में अधिकतम उपलब्धि हासिल करने के लिए भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी, इंडोर वार्ड और ड्रेसिंग रूम की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और भर्ती मरीजों से मिलकर उनकी स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी समस्याएं जानीं।
सीएमएचओ ने जगदलपुर ब्लॉक के अंतर्गत आयुष्मान आरोग्य मंदिर धनपूंजी का निरीक्षण किया। यह केंद्र राष्ट्रीय गुणवत्ता मानक मूल्यांकन के लिए तैयार किया जा रहा है। इस दौरान डॉ. बसाक ने कर्मचारियों को मूल्यांकन की तैयारी के लिए मार्गदर्शन दिया।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए सीएमएचओ ने सभी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने और मरीजों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखने पर जोर दिया।
निरीक्षण अभियान के अंतिम चरण में सीएमएचओ ने पीएचसी गीदम नाका में मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की और न्यूनतम उपलब्धि वाले स्वास्थ्य केंद्रों को लक्ष्यों को पूरा करने के लिए विशेष प्रयास करने की सलाह दी।
इस निरीक्षण अभियान में डीपीएम डॉ. रीना लक्ष्मी, परिवार कल्याण कार्यक्रम के जिला सलाहकार प्रसन्न कुमार, शहरी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सक, सेक्टर सुपरवाइजर, और जिला मीडिया अधिकारी शकील खान भी उपस्थित रहे।
सीएमएचओ डॉ. संजय बसाक का यह निरीक्षण अभियान न केवल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास है, बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों को उनके कर्तव्यों के प्रति प्रोत्साहित करने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
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