बिलासपुर :भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण में की गई कटौती को लेकर कांग्रेस ने तीखा विरोध जताया है। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष विजय...
बिलासपुर :भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण में की गई कटौती को लेकर कांग्रेस ने तीखा विरोध जताया है। जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने आरोप लगाया है कि स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण प्रविधानों में दुर्भावनापूर्ण संशोधन करके ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय किया गया है।
कांग्रेस ने 15 जनवरी को सिविल लाइन थाने में सामूहिक गिरफ्तारी देने का ऐलान किया है। यह कदम ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा और सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए उठाया गया है।
विजय केशरवानी ने कहा कि प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण लगभग खत्म हो गया है। पहले जहां जिला पंचायत और जनपद पंचायत की 25% सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित थीं, अब वे सामान्य हो गई हैं।
मैदानी इलाकों में कई पंचायतें ऐसी हैं जहां 90-99% आबादी ओबीसी की है, फिर भी सरपंच और पंच पदों पर आरक्षण बेहद कम है।
उन्होंने भाजपा सरकार को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तब उसने छत्तीसगढ़ नवीन आरक्षण विधेयक को रोका। इस विधेयक में अनुसूचित जनजाति को 32% और ओबीसी को 27% आरक्षण देने का प्रावधान था, लेकिन भाजपा के षड्यंत्रों के चलते यह विधेयक आज तक राजभवन में लंबित है।
बिलासपुर जिले में जिला पंचायत की 17 सीटों में से केवल एक ओबीसी महिला के लिए आरक्षित है। ओबीसी पुरुष के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं है।
चार जनपद पंचायतों में भी अध्यक्ष पदों पर ओबीसी का प्रतिनिधित्व शून्य है।
सरगुजा और बस्तर संभाग के 12 जिलों में ओबीसी समुदाय को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। वहां अधिकांश सीटें सामान्य कर दी गई हैं।
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि वह सड़क से लेकर सदन तक इस मुद्दे को उठाएगी। 15 जनवरी को होने वाली गिरफ्तारी इस संघर्ष की पहली कड़ी है। विजय पांडेय ने कहा कि यह आंदोलन ओबीसी समुदाय के साथ हो रहे अन्याय को उजागर करेगा और सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगा।
कांग्रेस ने जनता से इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है, ताकि आरक्षण की लड़ाई को मजबूती मिल सके।
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