कांकेर : दुर्गकोदल से शिवसेना के वरिष्ठ नेता नंदलाल नरेटी ने केंद्र और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार से मांग की है कि धर्मांतरित लोगों का आरक्षण...
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कांकेर : दुर्गकोदल से शिवसेना के वरिष्ठ नेता नंदलाल नरेटी ने केंद्र और छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार से मांग की है कि धर्मांतरित लोगों का आरक्षण तुरंत प्रभाव से समाप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति अपने धर्म, देवी-देवताओं और परंपराओं को छोड़कर अन्य धर्म अपना चुके हैं, उन्हें आरक्षण के तहत मिलने वाले सभी अधिकार और लाभ वापस ले लिए जाने चाहिए।
नरेटी ने बताया कि देश में धर्मांतरण से संबंधित कानून बेहद लचीले हैं, जिसका दुरुपयोग करके आरक्षित वर्ग के लोग धर्म बदलने के बावजूद भी आरक्षण का लाभ उठाते रहते हैं। उन्होंने इसे न केवल अनुचित बताया, बल्कि समाज और देश के प्रति धोखाधड़ी करार दिया।
• कड़े कानून बनाने की मांग :
शिवसेना नेता ने धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ पहले भी कई बार आंदोलन किए गए हैं और शिवसेना का स्पष्ट मत है कि धर्म बदलने वालों को आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "धर्मांतरण के बाद भी आरक्षण के लाभ उठाना न केवल संविधान की भावना के खिलाफ है, बल्कि इससे समाज में असमानता भी बढ़ती है।"
नरेटी ने भाजपा सरकार को याद दिलाया कि विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने धर्मांतरण के खिलाफ कई आंदोलन किए थे। अब जब केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार है, तो धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जो धर्मांतरित लोग वापस अपने मूल धर्म में आना चाहते हैं, उनका स्वागत होना चाहिए, लेकिन जो ऐसा नहीं करते, उनसे आरक्षण और अन्य लाभों का अधिकार छीन लिया जाना चाहिए।
• राजनीतिक माहौल गरमाने की संभावना :
शिवसेना नेता के इस बयान से छत्तीसगढ़ में राजनीतिक माहौल गरमा सकता है। भाजपा और अन्य दलों पर अब इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने का दबाव बढ़ेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मांग को लेकर क्या कदम उठाती है।
नरेटी के इस बयान ने एक बार फिर धर्मांतरण और आरक्षण जैसे जटिल मुद्दों पर चर्चा को तेज कर दिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों में इन सवालों पर पहले भी विवाद होते रहे हैं, लेकिन सख्त कानून की मांग का यह स्वर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ सकता है।
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