बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं पर छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा अभियान रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्...
बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं पर छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा अभियान
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की पहचान और उन्हें देश से वापस भेजने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। गृह विभाग ने यह कदम राज्य की कानून-व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया है।
अब तक की जांच में लगभग 1,500 संदिग्धों की पहचान की गई है। दुर्ग जिले के भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में बिना दस्तावेजों के काम कर रहे सैकड़ों ठेका श्रमिकों पर भी नजर रखी जा रही है। गृह विभाग ने जल्द ही दस्तावेजों की जांच के लिए एसओपी (स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी करने की तैयारी कर ली है।
दस्तावेजों की गहन जांच
अभियान के तहत आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों की जांच की जा रही है। विशेष रूप से विगत पांच वर्षों में बने दस्तावेजों को जांच के दायरे में लाया जाएगा। गृह विभाग ने केंद्र सरकार से फर्जी दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया है।
पकड़े गए संदिग्धों का हाल
कोंडागांव और राजनांदगांव जैसे जिलों में हाल के महीनों में कई संदिग्ध पकड़े गए हैं। कोंडागांव में पिछले महीने 40 से अधिक संदिग्धों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें केंद्रीय जेल भेज दिया गया।
फर्जीवाड़े में शामिल जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई
गृह विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि जनप्रतिनिधियों के माध्यम से फर्जी दस्तावेज बनाए गए हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, "अवैध रूप से रह रहे व्यक्तियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने का यह कदम राज्य की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
राज्य सरकार की इस पहल को कई लोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम कदम मान रहे हैं, लेकिन इसे लेकर सामाजिक और राजनीतिक हलकों में चर्चा भी हो रही है।
published by gourav jha
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