किराया सूची के अभाव में यात्रियों की परेशानी: नियमों की अनदेखी बनी समस्या तिफरा बस स्टैंड से प्रतिदिन सैकड़ों बसें विभिन्न मार्गों पर संचाल...
किराया सूची के अभाव में यात्रियों की परेशानी: नियमों की अनदेखी बनी समस्या
तिफरा बस स्टैंड से प्रतिदिन सैकड़ों बसें विभिन्न मार्गों पर संचालित होती हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश बसें नियमों की अनदेखी कर रही हैं। यात्रियों से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या है किराया सूची का अभाव। यह न केवल यात्रियों को असुविधा में डाल रहा है, बल्कि विवादों का कारण भी बन रहा है।
बसों में किराया सूची नहीं चस्पा होने की वजह से कंडक्टर यात्रियों से मनमर्जी किराया वसूलते हैं। रोजाना सफर करने वाले यात्री इसका विरोध करते हैं, लेकिन कभी-कभी सफर करने वाले यात्रियों को सही किराए की जानकारी न होने के कारण अधिक भुगतान करना पड़ता है।
यूनिफॉर्म और फिटनेस जांच का उल्लंघन
किराया सूची की कमी के अलावा, बस चालक और परिचालक अक्सर तय यूनिफॉर्म नहीं पहनते। कुछ बसें तो ऐसी हैं, जिनके गेट और खिड़कियां टूट-फूट चुकी हैं। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए जरूरी इन नियमों की अनदेखी चिंता का विषय है।
विभागीय लापरवाही
परिवहन विभाग द्वारा नियम बनाए गए हैं कि सभी बसों में किराया सूची चस्पा की जानी चाहिए। यह सूची प्रवेश द्वार पर लगाई जानी चाहिए ताकि यात्री सफर शुरू करने से पहले ही किराए की जानकारी प्राप्त कर सकें। हालांकि, फिटनेस जांच के दौरान भी इस नियम का पालन सुनिश्चित नहीं किया जा रहा।
यात्रियों की मांग
कुदुदंड निवासी वैभव ठाकरे का कहना है, "यदि यात्रियों से पूरा किराया लिया जाता है, तो उन्हें सुविधाएं भी पूरी मिलनी चाहिए। किराया सूची न होने से विवाद बढ़ते हैं।" वहीं, तोरवा के धनेश रजक ने कहा, "बसों में किराया सूची चस्पा न करना लापरवाही है। विभाग को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।"
समाधान और विभाग की जिम्मेदारी
सभी बसों में किराया सूची चस्पा करना अनिवार्य किया जाए।
फिटनेस जांच के दौरान किराया सूची की मौजूदगी सुनिश्चित की जाए।
चालक-परिचालकों के यूनिफॉर्म पहनने और बसों की स्थिति में सुधार किया जाए।
क्षेत्रीय परिवहन विभाग द्वारा नियमित जांच अभियान चलाया जाए।
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना परिवहन विभाग की जिम्मेदारी है। नियमों का सख्ती से पालन और व्यवस्थाओं में सुधार से न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि विवादों में भी कमी आएगी।
published by gourav jha
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