कम से कम 4 महीने नहीं होगा प्रसारण वर्ष 1977 को खड़ा किया गया था टावर जगदलपुर: फरवरी 21 पिछले 48 वर्षों से रेडियो के माध्यम से बस्तर के ल...
कम से कम 4 महीने नहीं होगा प्रसारण
वर्ष 1977 को खड़ा किया गया था टावर
जगदलपुर: फरवरी 21
पिछले 48 वर्षों से रेडियो के माध्यम से बस्तर के लोगों का मनोरंजन कर रहे आकाशवाणी जगदलपुर का मारेगा स्थित 100 किलोवाट ट्रांसमीटर धारित 168 मीटर ऊंचा टावर तेज हवा चलने के दौरान गिर गया है। इसे फिर से खड़ा करने में कम से कम 4 महीने का समय लगेगा इसलिए रेडियो पर आकाशवाणी जगदलपुर के कार्यक्रम प्रसारित नहीं हो पाएंगे। इस दुर्घटना जानकारी प्रसार भारती के अधिकारियों को दे दी गई है।
संभागीय मुख्यालय से 11 किमी दूर मारेगा गांव में आकाशवाणी का ट्रांसमीटर टावर खड़ा करने का कार्य 30 जून 1972 में प्रारंभ हुआ था और इस प्रसारण केंद्र का उद्घाटन पंडित रविशंकर शुक्ल जन्म शताब्दी वर्ष के तहत 22 जनवरी 1977 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ला ने किया था। कार्यक्रम के अध्यक्षता सूचना एवं प्रसारण मंत्री विद्याचरण शुक्ल ने की थी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संजय गांधी और मेनका गांधी विशेष रूप से उपस्थित हुए थे।
शुक्रवार दोपहर अचानक तेज हवाएं चलने लगी और दो बजकर 48 मिनट पर 168 मीटर टावर अचानक धराशाई हो गया। जिसके चलते प्रसारण कार्य पूरी तरह ठप हो गया है।
मारेगा स्थित ट्रांसमीटर सेंटर में कार्यरत इंजीनियर प्रफुल्ल पन्ना ने बताया कि 168 मीटर ऊंचे विशाल टावर के गिरने का वास्तविक कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। प्रथम नजर में यह पाया गया कि टावर का सपोर्टिंग केवल टूट गया। जिसके चलते यह टावर धराशायी हुआ। टावर गिरने से फीडर केल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। जिसके चलते प्रसारण थम गया है। इस टावर को बड़ौदा (गुजरात) की कंपनी हिंदुस्तान ब्राउन बोबरी ने खड़ा किया था।
आकाशवाणी जगदलपुर केंद्र प्रभारी बलवीर कच्छ ने बताया कि घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है। टीम आकर घटनास्थल का मुहायना करेगी, तत्पश्चात नया टावर खड़ा करने प्रसार भारती द्वारा टेंडर जारी किया जाएगा। इन प्रक्रियाओं के चलते नया टावर खड़ा करने में कम से कम 4 महीने का समय लग सकता है। इसके चलते रेडियो पर आकाशवाणी जगदलपुर के कार्यक्रम प्रसारित नहीं होंगे, किंतु यहां के कार्यक्रम एफएम और मोबाइल पर सुने जा सकते हैं।
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