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सुकमा में बड़ी सफलता: 32 लाख के इनामी 7 हार्डकोर नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। पीएलजीए बटालियन नंबर 01 में सक्रिय 7 हार्डकोर नक्सलियों ने,...

सुकमा : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में पुलिस और सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। पीएलजीए बटालियन नंबर 01 में सक्रिय 7 हार्डकोर नक्सलियों ने, जिसमें एक दंपति भी शामिल है, आज पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बिना हथियार के आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर कुल 32 लाख रुपये का इनाम घोषित था।



आत्मसमर्पण की अहम वजहें :

नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार की "नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति" और "नियद नेल्ला नार" योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया। साथ ही, लगातार स्थापित हो रहे नए सुरक्षा कैंप, पुलिस की बढ़ती पैठ और नक्सल संगठनों की अमानवीय विचारधारा से तंग आकर उन्होंने मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।


कौन हैं आत्मसमर्पित नक्सली? :

1. हेमला हिड़मा उर्फ वागा (38 वर्ष) — 08 लाख रुपये इनामी, बटालियन नंबर 01, गार्ड कमांडर

2. रव्वा मूके उर्फ भीमे (36 वर्ष) — 08 लाख रुपये इनामी, बटालियन नंबर 01, पीपीसीएम

3. बारसे सोना (24 वर्ष) — 08 लाख रुपये इनामी, मोपोस टीम इंचार्ज

4. उईका लालू (22 वर्ष) — 02 लाख रुपये इनामी, प्लाटून नंबर 10 के सदस्य

5. माड़वी कोसी (27 वर्ष) — 02 लाख रुपये इनामी, कृषि शाखा सदस्य

6. मड़कम हुंगा (30 वर्ष) — 02 लाख रुपये इनामी, आरपीसी सीएनएम अध्यक्ष

7. मुचाकी बुधरा (40 वर्ष) — 02 लाख रुपये इनामी, मिलिशिया कमांडर


आत्मसमर्पण में पुलिस और सुरक्षा बलों की अहम भूमिका :

आत्मसमर्पण कराने में सुकमा पुलिस, दोरनापाल थाना, नक्सल सेल, 131 और 241 वाहिनी सीआरपीएफ, और रेंज फील्ड टीम सुकमा के कार्मिकों ने विशेष भूमिका निभाई। पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, कमांडेंट हरविंदर सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण की प्रक्रिया पूरी हुई।


पुनर्वास के लिए सहायता :

आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत तत्काल 25-25 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि, कपड़े और अन्य सुविधाएं प्रदान की गईं। आगे भी सरकार की योजनाओं के तहत इन्हें समाज में पुनः स्थापित करने में मदद की जाएगी।


इस आत्मसमर्पण से साफ है कि सरकार की नीतियां और पुलिस की लगातार कार्रवाई नक्सलियों के भीतर बदलाव ला रही है। पुलिस ने बाकी बचे नक्सलियों से भी हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की अपील की है, ताकि वे भी एक नई जिंदगी की शुरुआत कर सकें।


छत्तीसगढ़ पुलिस का संकल्प: "शांति, सुरक्षा और समृद्धि की ओर एक और कदम।"

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