कोण्डागांव: जिले के हंगवा गांव में एक छट्टी कार्यक्रम के दौरान भोज में परोसे गए पनीर और चिकन की सब्जी खाने से 20 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिका...
कोण्डागांव: जिले के हंगवा गांव में एक छट्टी कार्यक्रम के दौरान भोज में परोसे गए पनीर और चिकन की सब्जी खाने से 20 लोग फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। इस घटना में एक 9 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई, जबकि 19 अन्य लोगों का अस्पताल में इलाज जारी है।
क्या है पूरा मामला?सोमवार को तुला कोर्राम के घर छट्टी समारोह में विशेष भोज का आयोजन किया गया, जिसमें 20 किलो पनीर और 6 किलो चिकन पकाया गया था। भोज के बाद मंगलवार रात से कई लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी। गंभीर हालत में 14 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि 5 अन्य का गांव में ही शिविर लगाकर इलाज किया गया।
बच्ची की मौत, कई की हालत गंभीर:
फूड प्वाइजनिंग से पीड़ित जयंती कोर्राम (9) को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था, लेकिन हायर सेंटर शिफ्टिंग के दौरान उसकी मौत हो गई। उसके अलावा अंतू कोर्राम (38), राजबती (11), सारिका (8), हर्षिला (2), सुमति (34), पूजा (11) समेत 13 अन्य लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से अंतू कोर्राम की हालत नाजुक बनी हुई है।
इस घटना ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग नियमित जांच और निगरानी के दावे करता है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर फूड प्वाइजनिंग की घटना प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रही है। अब सवाल यह है कि क्या खाद्य सुरक्षा मानकों की सही से जांच हो रही है, और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे?
घटना के बाद प्रशासन ने भोजन के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है। स्वास्थ्य विभाग ने गांव में विशेष मेडिकल कैंप भी लगाया है ताकि बाकी लोगों की स्थिति पर नजर रखी जा सके।
फूड प्वाइजनिंग जैसी घटनाएं खाद्य सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाती हैं। ऐसे में प्रशासन को सख्त निगरानी और कड़े नियमों का पालन सुनिश्चित करना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
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