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कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर घमासान: महंत के बयान से उठा सियासी तूफान

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रायपुर:  छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर फिर सियासी बवाल मच गया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के एक बयान ने पार्टी के भीतर हलचल...

रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर फिर सियासी बवाल मच गया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत के एक बयान ने पार्टी के भीतर हलचल मचा दी, जब उन्होंने पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में 2028 का विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही। लेकिन विवाद बढ़ते ही उन्होंने यू-टर्न ले लिया और सफाई दी कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।

चरण दास महंत के बयान के बाद भाजपा ने तुरंत इसे कांग्रेस में गुटबाजी से जोड़ते हुए हमला बोल दिया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि महंत के इस बयान से साफ है कि कांग्रेस में अंदरूनी कलह जारी है और भूपेश बघेल को पार्टी में पूरी तरह नकार दिया गया है।

महंत ने अपनी सफाई में कहा, मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा, मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर बयान गलत था, तो इसे देने की जरूरत ही क्यों पड़ी?

महंत के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संयमित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, चरण दास महंत किसी घोषणा के लिए अधिकृत नहीं हैं। हाईकमान जो निर्णय लेगा, वही अंतिम होगा। इससे साफ है कि बघेल इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना चाहते।

वहीं, टीएस सिंहदेव ने भी इस बयान से खुद को अलग कर लिया। उन्होंने कहा, इस तरह के बयानों पर अब विराम लगना चाहिए, नहीं तो इनका गलत अर्थ निकाला जाएगा।

कांग्रेस में यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है, जब 11 फरवरी को निकाय चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में शीर्ष नेताओं की यह बयानबाजी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान बघेल बनाम सिंहदेव की लड़ाई जगजाहिर थी। अब जब पार्टी विपक्ष में है, तो एक बार फिर वही संघर्ष सामने आता दिख रहा है। महंत का बयान और फिर उस पर सफाई देना यह संकेत देता है कि पार्टी में नेतृत्व को लेकर असमंजस बना हुआ है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर कांग्रेस जल्द ही नेतृत्व को लेकर स्पष्ट रुख नहीं अपनाती, तो यह अंदरूनी कलह 2028 के चुनाव से पहले और बढ़ सकती है। भाजपा इस मौके को भुनाने के लिए पूरी तरह तैयार दिख रही है, ऐसे में कांग्रेस के लिए जरूरी है कि वह जल्द से जल्द एकजुटता का संदेश दे।

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